अदालत ने मुख्तार अंसारी को दिया तगड़ा झटका, अब तो करनी ही पड़ेगी वापसी

पंजाब के रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी की प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, अदालत ने मुख्तार अंसारी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मुकदमे की सुनवाई की अपील की थी।

अदालत ने खारिज की मुख्तार अंसारी की याचिका

अदालत ने मुख्तार अंसारी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्पेशल कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा नहीं है। अब अदालत ने अभियोजन से बाकी गवाहों के बयान 3 फरवरी से दर्ज कराने को कहा है।

अदालत ने यह फैसला मुख्तार अंसारी पर साल 2001 में लगे जानलेवा हमले के आरोप के मामले में सुनाया है। इस मामले में बृजेश सिंह व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। साल 2013 में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बांदा से पंजाब की रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था।

बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्तार अंसारी और उसके नाम से अवैध कारोबार चलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। लखनऊ, मऊ और गाजीपुर में अंसारी से जुड़ी करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति को ध्वस्त किया जा चुका है। साथ ही योगी सरकार मुख्तार अंसारी को वापस यूपी लाने की कवायद में भी जुटी है। इसी क्रम में बीते महीने यूपी पुलिस के तीन पुलिसकर्मी पंजाब गए भी थे, लेकिन पंजाब सरकार के हस्तक्षेप की वजह से उन्हें खाली हाथ बैरंग वापस लौटना पड़ा था।  

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18 सितंबर को उप्र पुलिस ने एक सील संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करने पर मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी और उनके भाइयों शरजील रजा और अनवर शहजाद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। वहीं 28 अगस्त को मऊ जिला प्रशासन ने अंसारी के करीबी सहयोगी के अवैध बूचड़खाने को ध्वस्त कर दिया था।