नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर ट्वीट कर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, लोगों ने दी बड़ी नसीहत

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नये विवाद में घिर गए हैं। दरअसल इस बार वह सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से उनकी पुण्यतिथि बताते हुए श्रद्धांजलि दी है। तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, विलक्षण प्रेरणादायी व्यक्तित्व के धनी; कूटनीति, राजनीति और युद्धनीति में समान रूप से कुशल; आजाद हिंद फौज की स्थापना करने वाले महान सेनापति नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि! अब तेजस्वी यादव को यही ट्वीट कर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं।

एक ट्विटर यूजर ने तेजस्वी के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, ये बिहार के ‘उत्तराधिकारी’ उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनको सुभाष चंद्र बोस की जीवनी तो नहीं मालूम उनकी मृत्यु पर सरकार का आधिकारिक स्टैंड भी नहीं पता। कम से कम मेट्रिक पास करना इसलिए जरूरी हो जाता है।

सुभाष चंद्र बोस पर तेजस्वी यादव का ट्वीट

बता दें कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 18 अगस्त 1945 के दिन विमान हादसे में मारे जाने की खबर को सुनकर हर हिंदुस्तानी को जबरदस्त झटका लगा था। हालांकि इस हादसे की खबर जापान ने 5 दिन बाद सार्वजनिक की थी, लेकिन अभी तक नेताजी के विमान हादसे में मारे जाने पर रहस्य बरकरार है।

इस मसले पर भारत सरकार का आधिकारिक स्टैंड भी इस पर साफ नहीं है कि नेताजी का देहांत आज की तारीख में हुआ था। भारत सरकार ने नेताजी के निधन के रहस्य को जानने के लिए 3 जांच आयोग बनाए, जिनमें से दो जांच आयोग का कहना है कि उनका निधन विमान हादसे में हुआ, जबकि तीसरे जांच आयोग का कहना है कि उनका निधन विमान हादसे में नहीं हुआ था। जाहिर है भारत सरकार का आधिकारिक स्टैंड इस पर स्पष्ट नहीं है।

वहीं, उनके परिजन भी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि सुभाष चंद्र बोस की उस विमान हादसे में मृत्यु हुई थी। जब 07 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक किया तो उससे पहले वाकई देश में सनसनी और कौतुहल की स्थिति थी, फाइलों में जो सामने आया, वो यही था कि हवाई हादसे के बाद उनके कहीं जिंदा होने का कोई प्रमाण नहीं है। ऐसे में अब एकमात्र रास्ता यही है कि नेताजी की अस्थियों की डीएनए जांच कराई जाए।