झंडेवाला पार्क अमीनाबाद में स्वामी विवेकानंद के विचारों का किया गया स्मरण

प्रतिवर्ष की भांति स्वामी विवेकानद के जन्मदिवस पर झंडेवाला पार्क अमीनाबाद, लखनऊ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन, कार्यक्रम के आयोजक व पूर्व नेता विधान परिषद विंध्यवासिनी कुमार, महापौर संयुक्त भाटिया, भाजपा विधायक अवनीश सिंह सहित प्रदेश के अनेक गणमान्य मौजूद रहे। आयोजन में मौजूद मुख्य अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये।

इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक पूर्व नेता विधान परिषद विंध्यवासिनी कुमार ने कहा कि इस पार्क से भारत की आजादी के आंदोलनों के कई संस्मरण जुड़े हुए है, बाबू गंगा प्रसाद द्वारा इस पार्क का निर्माण कराया गया। उन्होंने कहा कि कई बार के प्रयासों के फलस्वरुप इस एतिहासिक पार्क के तीन प्रवेश द्वार के नाम स्वामी विवेकानंद द्वार,इस पार्क का निर्माण कारने वाले बाबू गंगा प्रसाद द्वार और शहीद गुलाब सिंह लोधी द्वार नगर निगम द्वारा कर दिया गया है।

विन्ध्यवासिनी कुमार ने कहा कि इस पार्क में एक पुस्तकालय बने, जिसमें देश की आजादी से जुड़े साहित्य और स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़े संस्मरण भाषण का संकलन हो साथ ही पार्क में स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिए गए प्रथम 4 मिनट के भाषण का शिलापट्ट बने इस हेतु प्रयास जारी है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संघ के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि हम स्वामी विवेकानंद जैसे विराट व्यक्तित्व को क्यों याद करते है क्योकिं स्वामी विवेकानंद से हम सभी को भारत की सनातन संस्कृति को स्वयं के आचरण में उतारने व इस हेतु समाज में कार्य करने की शक्ति एवं संबल मिलता है। स्वांत रंजन ने बताया कि राम मंदिर निर्माण हेतु जन जन जोड़ो अभियान प्रारंभ हो चुका है।

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इस अवसर पर स्वांत रंजन ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के कई संस्मरण सुनाये। उन्होंने बताया कि एक बार स्वामी विवेकानंद तीन दिन से विभिन्न लोगों के साथ ज्ञान संस्कृति पर चर्चा कर रहे थे लोग आते स्वामी से ज्ञान प्राप्त करते और चले जाते। एक शुद्र इस घटना पर नजर रखे हुआ था उसने देखा की स्वामी को भोजन के लिए कोई नहीं पूछ रहा है और स्वामी तीन दिन से भूखे है। अतः तीसरे दिन की समाप्ति पर उस शुद्र ने स्वामी विवेकानंद से भोजन के लिए पूछा तो स्वामी विवेकानंद ने कहा जो वो भोजन करे वही मुझे भी करा दे। इस प्रकार स्वामी विवेकानंद ने सन्देश दिया कि हमारे देश का सबसे नीचे तबके का प्राणी भी समाज के प्रति कितना संवेदनशील है कि उससे मेरी भूख नहीं देखी गयी। स्वामी विवेकानंद ने कहा कि निर्भय होकर काम करो। डरे वो जो पापी विचारो का समर्थन करता हो। हमें समाज में निडर होकर काम करना है। उन्होंने दरिद्र की सेवा ही नारायण की सेवा है कहा है।

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कार्यक्रम में महापौर संयुक्त भाटिया ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विधायक अवनीश सिंह पार्षद शशि गुप्ता ज्ञान प्रकाश, राहुल निगम,क्षेत्रीय मंत्री जयति श्रीवास्तव, डा. सरिता श्रीवास्तव, प्रान्त कार्यवाह सुभाष , के के शुक्ल, विजयसेन , राजीव बाजपेयी आशुतोष श्रीवास्तव , हरीश चन्द्र श्रीवास्तव, संजय शुक्ल, रोहित नंदन, अमिताब चक्रवर्ती ,कपिल सोनी, अधिवक्ता गिरीश सिन्हा, विकर्ष श्रीवास्तव, विश्वेश कुमार, किशन कुमार, डा हृदेश, अमित द्विवेदी, गिरीश गुप्ता, रजनीश गुप्ता, जीतेन्द्र राजपूत, शैलू सोनकर,हिमांशु सोनकर,अंकुर जॉली,मनोज श्रीवास्तव सहित अनेक गणमान्य लोगों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।