बंगाल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस ने उठाया कदम, खुद को किया सुनवाई से अलग

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा की एसआईटी जांच करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई उस बेंच के समक्ष लिस्ट होगी, जिसमें जस्टिस इंदिरा बनर्जी नहीं होंगी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर की गई है बड़ी मांग

हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिवार के अलावा कई लोगों ने याचिकाएं दाखिल की हैं। पश्चिम बंगाल की 60 वर्षीय एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने चार मई की रात को उसके पोते के सामने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। याचिका में चुनाव बाद की हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है।

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याचिका में कहा गया है कि जिस तरह गोधरा कांड की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, उसी तरह पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए। पश्चिम बंगाल में मतगणना के बाद भाजपा के दो कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरेन अधिकारी की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।