दिल्ली हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने थरूर-सरदेसाई सहित 7 को दी बड़ी राहत, जारी किया नोटिस

बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली हिंसा में हुई एक व्यक्ति की मौत को लेकर गलत जानकारी देने के बाद कानूनी शिकंजे में कसते नजर आ रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर और पत्रकार राजदीप सरदेसाई को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई सहित 7 लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट के दर पहुंचकर आरोपियों ने की थी मांग

दरअसल, ट्रैक्टर रैली हिंसा के दौरान एक प्रदर्शनकारी की ट्रैक्टर ट्राली पलटने की वजह से मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई सहित अन्य लोगों ने ट्वीट किया था, जिसमें इन्होने मृत व्यक्ति को गोली लगने से मरा बताया था। इस वहज इन लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसमें इनपर गलत जानकारी लोगों तक पहुंचाने को हिंसा भड़काने की कोशिश करार दिया गया था।

इस मामले में शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, अनंत नाथ, परेश नाथ, विनोद के जोस और जफर आगा को आरोपी बनाया गया था। आरोपी बनाए गए इन सभी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इन्होने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन करार दिया था। उन्होंने मांग की थी कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंगलवार को इन सभी याचिकाओं को स्वीकार किया और आरोपी बनाए गए लोगों की मांग पर नोटिस जारी किया। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने अभी यह फैसला सुनाया ही था तभी वकील कपिल सिब्बल ने गिरफ्तारी पर रोक की मांग भी रख दी। शुरू में तीन जजों की बेंच इसके लिए तैयार नहीं हुई लेकिन अपनी वाकपटुता से कपिल सिब्बल जजों को मनाने में कामयाब हो गए।

सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल ने दलील दी कि कई राज्यों की पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार करने के लिए तैयार बैठी है। कुछ मामलों में राजद्रोह की धारा भी जोड़ दी गई है। पुलिस कभी भी उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आ सकती है। इसलिए यह रोक जरूरी है।

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इस पर जजों ने दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या मामला सुप्रीम कोर्ट में आने के बावजूद पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार कर सकती है। इस पर मेहता ने सुनवाई कल तक के लिए टालने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह कल कोर्ट को पूरी स्थिति से अवगत कराएंगे। लेकिन चीफ जस्टिस ने सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टालते हुए कहा कि तब तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगाई जा रही है।