मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब पाक-चीन से एकसाथ निपट सकती है भारतीय सेना

केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने भारतीय सेना को अब और मजबूत कर दिया है। दरअसल, मोदी सरकार ने भारतीय सेनाओं को एक बड़ी छूट दी है। सरकार ने सेना को 15 दिनों के युद्ध के लिए हथियार-गोलाबारूद स्टॉक करने की छूट दे दी है। पहले यह सीमा सिर्फ 10 दिन थी। इसके अलावा सरकार ने सेनाओं के लिए 50 हजार करोड़ रुपये तक के हथियार खरीदने की  भी योजना बनाई है। सरकार ने यह फैसला चीन के अड़ियल रवैये को देखते हुए लिया है।

भारतीय सेना को मिली और मजबूती

मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब भारतीय सेनाओं के पास लगातार 15 दिनों तक युद्ध लड़ने के लिए सामग्री होगी। इसके पहले सेनाओं के पास केवल इतना स्टॉक रहता था कि वह लगातार सिर्फ 10 दिनों तक ही दुश्मनों के खिलाफ युद्ध लड़ सकती थी। हालांकि अब सेना 15 दिनों तक सघन युद्ध करने की स्थिति में होगी।

सरकार ने यह फैसला लद्दाख में चीनी सेना के रवैये को देखते हुए लिया है। दरअसल, यहां चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस वजह से भारत और चीन के बीच में कभी भी युद्ध छिड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से बीते दिनों चीन के लड़ाकू विमान पाकिस्तानी वायुसेना के एयरपोर्ट के इस्तेमाल का युद्धाभ्यास कर रहे थे, उससे यह तो साफ़ है कि अगर भारत और चीन के बीच में युद्ध छिड़ा तो पाकिस्तान भी चीन का पूरा साथ देगा। इसी वजह से भारत ने अपनी तैयारी स्थिति मजबूत करना शुरू कर दिया है, जिससे दोनों छोरों पर एक साथ युद्ध लड़ा जा सके।

आपको बता दें कि पहले देश के पास लगातार युद्ध लड़ने के लिए 40 दिनों तक का स्टॉक रहता था। लेकिन युद्ध के स्वरुप में होने वाले बदलाव की वजह से वर्ष 1999 में इसे घटाकर 20 दिन कर दिया गया था। इसके बाद एक और समीक्षा हुई और इसे दिनों में कमी करते हुए इसे मात्र 10 दिन कर दिया गया।

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साल 2015 में CAG ने अपनी रिपोर्ट में टू फ्रंट वॉर के लिए 10 दिन के स्टॉक को कम बताया था। उरी हमले के बाद भी ये बात आई थी कि सेना के पास युद्ध के लिए रिजर्व स्टॉक बहुत कम है। तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों के खरीद के अधिकार को 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया था। साथ ही हथियारों की खरीद के लिए तीनों सेनाओं के इमरजेंसी फंड को बढ़ाकर 300 करोड़ किया था ताकि युद्ध की सूरत में हथियारों की कमी ना हो। अब उसी फैसले को केंद्र सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ाया है।