1 अप्रैल से हो सकता है सैलरी सिस्टम में बदलाव, प्राइवेट सेक्टर एम्पलाई पर पड़ेगा ये असर

अगले महीने यानी एक अप्रैल से सैलरी से जुड़े नियमों में बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है। अगर ये बदलाव लागू होते हैं तो हो सकता है कि आपके खाते में सैलरी पहले के मुकाबले कम आए। दरअसल, पिछले साल संसद में मजदूरी संहिता विधेयक पास हुआ है। अब यह माना जा रहा है यह विधेयक 1 अप्रैल से लागू हो सकता है। अगर ये विधेयक लागू हो जाता है तो प्राइवेट सेक्टर के नौकरीपेशा लोगों की जेब पर इसका क्या और कितना असर पड़ेगा, आइए जानते हैं इस बारे में…

अगर यह विधेयक अगले महीने से लागू हो जाता है तो इसका असर नौकरीपेशा लोगों की टेक होम सैलरी पर पड़ेगा और उन्हें कम रकम मिलेगी। नए बिल के अनुसार, दरअसल कंपनियों को CTC की 50 फीसदी रकम बेसिक और 50 फीसदी भत्ते के रूप में देनी होगी। ऐसे एम्पलॉई जिनकी बेसिक सैलरी पहले से ही 50 फीसदी है, उनपर नए बिल का कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, जिसकी बेसिक सैलरी 30 से 40 फीसदी है, उनकी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी।

क्या है नया सैलरी स्ट्रक्चर

मान लीजिए कि किसी नौकरीपेशा शख्स की महीने की CTC 10000 रुपये है तो उसकी सैलरी का स्ट्रक्चर कैसा होगा। आइए समझ लेते हैं।

अगर नियम से देखें तो सैलरी का बेसिक हिस्सा कम से कम 50 फीसदी और बाकी 50 फीसदी रखना जरूरी होगा। इसके बाद बेसिक के 12 फीसदी यानी 600 रुपये PF में कटेंगे। अगर कंपनी पांच प्रतिशत ग्रेच्यूअटी की रकम काटती है तो पांच हजार रुपये का पांच फीसदी यानी 250 रुपये इसके लिए कट जाएंगे। अब बेसिक अमाउंट बचा 4150 रुपये। ऐसे में 10 हजार रुपये वाले शख्स की इन हैंड सैलरी 5000+4150= 9150 रुपये होगी।

पुराना सैलरी स्ट्रक्चर

पुराने सैलरी स्ट्रक्चर के अुसार बेसिक 30 फीसदी यानी 3000 रुपये है और बाकी 70 फीसदी रकम अलाउंस के रूप में मिलती है। बेसिक का 12 फीसदी यानी 360 रुपये PF के रूप में कट जाता है। अगर कंपनी ग्रेच्यूअटी की रकम पांच फीसदी तक काटती है तो 150 रुपये इसमें चले जाएंगे। इस तरह से इस व्यक्ति की सैलरी से 510 रुपये कम हो गए और बेसिक की रकम 2490 रुपये बची। ऐसे में उसकी इन हैंड सैलरी 7000+2490=9490 होगी।

यह भी पढ़ें: असम चुनाव: विपक्ष पर बरसे राजनाथ सिंह, कांग्रेस से मांगा बीते 15 सालों का हिसाब

नए बिल में ये भी प्रावधान

नए बिल में एक दिन में कामकाज के लिए अधिकतम घटों को बढ़ाकर 12 घंटे या फिर हफ्ते में 48 घंटे करने का प्रस्ताव रखा गया है। ऐसे में एम्पलॉई को हफ्ते में चार दिन काम करना होगा। ओवर टाइम के नियम में भी बदलाव किया गया है। अगर कोई एम्पलॉई तय समय से 15 से 30 मिनट का ओवरटाइम करता है तो उसे पूरे 30 मिनट का ओवर टाइम माना जाएगा।