आरएसएस का ‘एकल अभियान’ अब बड़े महानगरों में करेगा संगठन का विस्तार

  • उप्र की राधानी लखनऊ से होगी इसकी शुरुआत, 26 सितम्बर को महत्वूर्पण बैठक
  • एकल अभियान के राष्ट्रीय महासचिव माधवेन्द्र रहेंगे मौजूद, लिये जा सकते बड़े फैसले
  • शिक्षा के साथ रोजगार से युवाओं को जोड़ रहा संगठन, देश में 22 हजार विद्यालय संचालित

लखनऊ । ‘स्वावलंबी, स्वाभिमानी भाव जगाना है, चलो गांव की ओर हमें फिर से देश बनाना है..’ इस भावना को लेकर समाज में कुरीतियों का दमन करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एकल अभियान को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। संघ ने एकल अभियान को अपने काम को गांवों के साथ बड़े महानगरों में शुरु करने का लक्ष्य सौंपा है। इसकी तैयारी को लेकर अधिकारियों ने कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। लखनऊ महानगर में एकल अभियान के काम को बढ़ाने के लिए 26 सितम्बर को महत्वपूर्ण बैठक इंदिरानगर ए ब्लाॅक के शिशु मंदिर में होने जा रही है।

एकल अभियान के उत्तर प्रदेश के संभाग सचिव मनोज कुमार मिश्र के मुताबिक एकल अभियान का ग्राम संगठन अब शहरों में संगठन का विस्तार करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए लखनऊ महानगर में कार्यकारिणी का गठन किया जाना है। 26 सितम्बर को 26 लखनऊ के पूरब भाग में इसको लेकर बैठक है। लखनऊ को संगठन ने चार भागों में बांटा है जिसमें पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण क्षेत्र आते हैं। बारी-बारी सभी में एकल के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए संगठन का विस्तार किया जाएगा।

पदाधिकारियों ने बैठक में एकल अभियान के राष्ट्रीय महासचिव माधवेन्द्र के भी रहने की संभावना जताई है। गौरतलब है कि यह संगठन स्वामी विवेकानन्द के सपनों का भारत बनाने में जुटा है।

एकल अभियान 2025 तक शिक्षित, स्वस्थ और समर्थ भारत बनाने में जुटा

एकल अभियान के उत्तर प्रदेश के संभाग सचिव मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने विचार किया कि बच्चा अगर विद्यालय नहीं जा सकता तो विद्यालयों को बच्चों के पास तक जाना चाहिये। आगे चलकर इसको समर्थन दिया आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक भाऊराव देवरस जी ने और कलकत्ता नगर से काम शुरू किया गया, जो धीरे धीरे आज ‘एक लाख दस हजार गांव’ तक पहुंच चुका है। इसको चार लाख गांवों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। 2022 तक यह काम पूरा हो जाएगा। 2025 तक शिक्षित स्वस्थ समर्थ भारत दे पाने में हम समर्थ होंगे।

एकल अभियान के सफलता की ओर बढ़ते कदम

दरअसल, एकल विद्यालय एक शिक्षक वाले वो विद्यालय हैं, जिनकी शुरुआत झारखण्ड से हुई थी। इस अभियान में कई वर्षो से उपेक्षित ग्रामीण क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों में ये विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। एकल विद्यालय संगठन द्वारा अब तक 1 लाख से अधिक एकल विद्यालय खोले जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में ही संगठन के 22 हजार विद्यालय संचालित हैं। एकल विद्यालय अभियान को एकल विद्यालय संगठन द्वारा ग्रामीण और जनजातीय भारत तथा नेपाल के एकीकृत और समग्र विकास के लिए शुरु किया गया है। कई ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों की भागीदारी से यह अभियान भारत की मुख्य धारा से अलग गांवों में संचालित गैर-सरकारी शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अभियान बन गया है। एकल विद्यालय अभियान को वर्ष 2017 में गांधी शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।