राहुल ने जारी की ‘खेती का खून तीन काले कानून’ पुस्तिका, बोले मैं हूं सच्चा देशभक्त

नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर किसानों की पीड़ा को लेकर एक पुस्तिका सर्कुलेट करने से पहले उसका विमोचन किया। यह विमोचन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किया इस पुस्तिका का शीर्षक ‘खेती का खून तीन काले कानून’ है। राहुल गांधी ने दिल्ली में किसान भाइयों के लिये प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा मैं सच्चा देशभक्त हूं, देश की रक्षा करता रहूंगा।

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राहुल ने जारी की ‘खेती का खून तीन काले कानून’ पुस्तिका, बोले मैं हूं सच्चा देशभक्त

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार घसीटती जा रही है। किसान की जमीन का मामला था तो कांग्रेस खड़ी थी। मुआवजा माफ करने की बात आई तो कांग्रेस खड़ी थी। नड्डा जी कहां थे। मैं साफ सुधरा आदमी हूं, हां गोली से मार सकते हैँ, मगर छू नहीं सकते, मैं देशभक्त हूं, मैं अपने देश की रक्षा करता हूं, मैं अकेला खड़ा हो जाऊंगा। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस चीज के लिये देश लड़ा था सत्तर अस्सी साल पहले वहीं हो रहा है। आज मेरी बात नहीं मानों जब गुलाम बन जाओगे तब मानना। मैं तो गुलाम नहीं हूं ना।

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘किसान वास्तविकता जानती है। राहुल गांधी क्या करता है इससे  सभी किसान अवगत हैं। भट्टा परसौल में नड्डा जी नहीं थे। मेरा कैरेक्टर साफ है, मैं न नरेंद्र मोदी से डरता हूं और न ही इन  लोगों से डरता हूं, ये हमें छू नहीं सकते हां गोली से मार सकते हैं। मैं देश की रक्षा करता हूं और करता रहूंगा।’ 

एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये क्या जेपी नडडा मेरे प्रोफेसर हैं, क्या ये हिन्दुस्तान के प्रोफेसर हैं, उनका जवाब क्यों दूं मैं, हिन्दुस्तान पूछेगा किसान पूछेगा उसका जवाब दूंगा।

कांग्रेस नेता राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हर इंडस्ट्री में चार-पांच लोगों का एकाधिकार बढ़ रहा है, मतलब इस देश के चार-पांच नए मालिक हैं। आज तक खेती में एकाधिकार नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी चार-पांच लोगों के हाथों में खेती का पूरा ढांचा दे रहे हैं।’ 

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, ‘सरकार किसानों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, सरकार किसानों से बात करने के लिए कह रही है। 9 बार बात हो गई, सरकार मामले में कोर्ट को घसीटती जा रही है।’ पार्टी सूत्रों ने 15 जनवरी को बताया था कि नए कृषि कानूनों पर तैयार किए गए बुकलेट में कृषि कानूनों से नुकसान और किसानों पर इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।