माया के पुराने साथियों पर अदालत ने कसा शिकंजा, पुलिस को दिया बड़ा आदेश

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर पर अदालत ने तगड़ा झटका दिया है। दरअसल, बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की बेटी और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में फंसे इन दोनों नेताओं के खिलाफ विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है।

अदालत ने सुनाया यह फैसला

दरअसल, बीजेपी नेता के परिवारजन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में अदालत ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्ति की कुर्की का आदेश सुनाया है। न्यायाधीश पीके राय की अदालत ने सोमवार को ये आदेश देते हुए हजरतगंज पुलिस से कहा कि वो आगामी 22 जनवरी को इस निर्देश पर किए गए अमल की रिपोर्ट दे।

अदालत ने यह फैसला तब लिया जब बार-बार वारंट जारी होने के बाद भी ये दोनों नेता अदालत के समक्ष पेश नहीं हो रहे थे। इसी वजह से अदालत ने इन दोनों नेताओं को भगोड़ा घोषित कर दिया।

आपको बता दें कि जुलाई 2016 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह की तरफ से बीएसपी अध्यक्ष मायावती के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनकी इस टिप्पणी की वजह से खासा विवाद हुआ था। इसके विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था।

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दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मामले में आरोप लगाया था कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में उनके परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उसके अगले दिन पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर की अगुवाई में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर किए गए प्रदर्शन में तेतरा देवी की नाबालिग पोती और परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में अशोभनीय टिप्पणी की थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।