नरेंद्र गिरि की मौत से जुड़े सियासी तार, सपा नेता, बीजेपी नेता और एएसपी की भूमिका भी संदिग्ध

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच के दायरे में कई बड़े नाम आते नजर आ रहे हैं। इस मामले में अभी जहां उत्तर प्रदेश की पूर्व सत्तारूढ़ अखिलेश सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त सपा नेता पर शक की सुई लटकती नजर आ रही थी। वहीं अब एडिशनल एसपी ओपी पांडे और बीजेपी नेता सुशील मिश्रा भी पुलिस के रडार में आ गए हैं। पुलिस गुरूवार को इन तीनों से पूछताछ कर सकती है। आपको बता दें कि इस मामले में महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में लिया गया है।

महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच कराया था समझौता

एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच में विवाद था। यह बात सपा नेता इंदु प्रकाश मिश्र, बीजेपी नेता सुशील मिश्र और एडिशनल एसपी ओपी पांडे को भी पता थी। यहां तक कि इन तीनों ने ही बंद कमरे में नरेंद्र गिरी और आनंद गिरी के बीच ने मध्यस्थता कराई थी। बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह मध्यस्थता कराई गई थी, उस वक्त एएसपी ओपी पांडे मुरादाबाद पीएसी में तैनात थे।

न्यूज 18 न्यूज पोर्टल से बातचीत करते हुए महंत नरेंद्र गिरि और स्वामी आनंद गिरि के बीच समझौता कराने वाले बीजेपी नेता सुशील मिश्रा ने बताया कि उस वक्त महंत नरेंद्र गिरि ने मुझसे कहा था कि आनंद गिरि मीडिया में मेरे बारे में उल्टी सीधी बात कर रहे हैं, उसके बाद हम लोगों ने मध्यस्थता करवाने के लिए आनंद गिरि और महराज की मुलाकात करवाई थी। हम लोग आनंद गिरि को पहले नहीं जानते थे।

उन्होंने कहा कि आनंद गिरि के बारे में हमें कुछ पता नहीं था, लेकिन दोनों ने बंद कमरे में जाकर बात की थी। अंदर क्या बात हुई यह हमें नहीं बताया गया था। मैं पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करूंगा। पुलिस जो भी जानना चाहेगी मैं सब बताऊंगा। अगर समझौता कराना अपराध होता तो हम मठ नहीं जाते, मैने सब के भले के लिए समझौता कराया था।

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बताया जा रहा है कि एडिशनल एसपी ओपी पांडेय, बीजेपी नेता सुशील मिश्रा और समाजवादी पार्टी के नेता इंदु प्रकाश मिश्रा दोनों ही संतों के करीबी रहे हैं।