पीएम मोदी ने ‘सदैव अटल’ पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री को दी श्रद्धांजलि, जानिए उनसे जुड़ी 5 बड़ी बातें

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की रविवार (25 दिसंबर) को 98वीं जयंती है। इस मौके पर दिल्ली में उनके स्मारक स्थल ‘सदैव अटल’ पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल सदैव अटल पर पुष्पांजलि अर्पित की।

राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति ने दी श्रद्धांजलि

दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी भी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर ‘सदैव अटल’ में पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री की 98वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट किया, “मूल्यों व आदर्शों की राजनीति के साधक, प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपका ऋषितुल्य जीवन सभी राष्ट्र आराधकों के लिए प्रेरणा है। आप सभी को ‘सुशासन दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो शेयर कर अटल जी को श्रद्धांजलि दी। इस वीडियो में पीएम मोदी ने अपनी आवाज में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी है। वीडियो ट्वीट करते हुए पीएम ने लिखा, “अटल जी की जयंती पर उन्हें शत शत नमन। भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उनका नेतृत्व और दूरदृष्टि लाखों लोगों को प्रेरित करती है।”

UP Govt का ‘संकल्प अटल, हर घर नल का जल’ ​अभियान

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की जयंती को BJP गुड गवर्नेंस डे के रूप में पूरे देश में मना रही है। समाधि स्थल पर ही आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अनूप जलोटा ने अटल जी के पसंदीदा भजन गाए। भाजपा देशभर में सभी बूथों पर अटल जयंती को व्यापक स्तर पर मना रही है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री की कविताओं पर आधारित काव्यांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अटल जयंती के मौके पर ‘संकल्प अटल, हर घर नल का जल’ ​अभियान के तहत राज्य के 98,000 घरों को ‘नल कनेक्शन’ का तोहफा देगी।

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अच्छे कवि भी थे Atal Bihari Vajpayee

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। भारत में हर साल 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के रूप में सुशासन दिवस मनाया जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ राजनेता नहीं थे बल्कि एक अच्छे कवि भी थे।

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने हिस्सा लिया और जेल भी गए। उनकी कॉलेज और स्कूली शिक्षा ग्वालियर से पूरी हुई। पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने पिता के साथ ही कानपुर के डीएवी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की थी। दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहा करते थे।

मरणोपरांत मिला था Bharat Ratna

एक आदर्श राजनेता के तौर पर मशहूर अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कांग्रेस के बाहर के पहले प्रधानमंत्री थे। इसके साथ ही अटल बिहारी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री बनने वाले पहले शख्सियत थे। साल 2015 में अटल बिहारी वाजपेयी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

India-Pakistan के बीच शुरू की थी बस सेवा

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पास कई उपलब्धियां हैं। उनमें से एक भारत और पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू करना भी था। वाजपेयी ने 19 फरवरी 1999 को अपने उद्घाटन के दौरान बस से पाकिस्तान की यात्रा भी की थी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने उनकी अगवानी की थी।

4 राज्यों से Atal Bihari Vajpayee ने जीता था चुनाव

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है। लोकसभा में उन्होंने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था। अटल बिहारी वाजपेयी रिकॉर्ड 9 बार लोकसभा के लिए चुने गए, जबकि दो बार वह राज्यसभा के लिए चुने गए।

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Atal Bihari Vajpayee तीन बार बने प्रधानमंत्री

भारत रत्न अलावा अटल बिहारी वाजपेयी को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। 1992 में उन्हें पद्म विभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और 1994 में ही गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से नवाजा गया। वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने थे. पहली बार 16-31 मई, 1996, इसके बाद 19 मार्च 1998 से 13 मई 2004 तक और इसके बाद 1999 से लेकर 2004 तक।