खेल मंत्रियों को PM मोदी ने दिया ये टास्क- एक भी खेल प्रतिभा की नहीं होनी चाहिए अनदेखी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मणिपुर में आयोजित खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने खेल मंत्रियों को टास्क दिया कि एक भी खेल प्रतिभा की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।

नरेंद्र मोदी ने कहा, “नॉर्थ ईस्ट से निकले कितने ही खिलाड़ियों ने तिरंगे की शान बढ़ाई है। देश के लिए मेडल जीते हैं। देश की खेल परंपरा को आगे बढ़ाने में पूर्वोत्तर और मणिपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहां के स्वदेसी खेल अपने आप में बहुत आकर्षक हैं। जिस तरह नॉर्थ ईस्ट देश की सांस्कृतिक विविधता में नए रंग भरता है उसी तरह देश की खेल विविधता को भी नए आयाम देता है।”

एक साल की खेल उपलब्धियों की हो समीक्षा

पीएम ने कहा, “जब हम 2022 में केवड़िया में मिले थे तब कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी। हमने भविष्य को ध्यान में रखकर रोडमैप बनाने और खेलों की बेहतरी के लिए इकोसिस्टम तैयार करने पर सहमति जताई थी। हमने स्पोर्ट्स सेक्टर में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच पार्टिसिपेशन बढ़ाने पर बात की थी। आप सभी इस चिंतन शिविर में देखें कि हम उस दिशा में कितना आगे बढ़े हैं। समीक्षा पॉलिसी और प्रोग्राम के लेवल पर ही नहीं होनी चाहिए। यह इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और बीते एक वर्ष की खेल उपलब्धियों पर भी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “पिछले एक वर्ष में भारतीय एथलिट्स और खिलाड़ियों ने कई इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। हमें इन उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ ही यह भी सोचना है कि अपने खिलाड़ियों की और ज्यादा से ज्यादा मदद कैसे कर सकते हैं।”

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हर टूर्नामेंट्स के अनुसार रणनीति बनानी होगी

नरेंद्र मोदी ने कहा, “स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स को लेकर भी हमारे मंत्रालयों को अलग अप्रोच से काम करना होगा। फुटबॉल और हॉकी जैसे खेलों में मैन टू मैन मार्किंग होती है। ऐसे ही आपसभी को मैच टू मैच मार्किंग करनी होगी। हर टूर्नामेंट्स के अनुसार रणनीति बनानी होगी। शॉर्ट टर्म, मिडियम टर्म और लॉन्ग टर्म गोल तय करने होंगे। स्थानीय स्तर पर ज्यादा से ज्यादा खेल आयोजन होने चाहिए। लगातार स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स चलते रहना चाहिए। यह आवश्यक है।”

उन्होंने कहा, “खेल मंत्री के तौर पर आपको सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी खेल प्रतिभा की अनदेखी नहीं हो। हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को क्वालिटी स्पोर्ट्स फैसिलिटी मिले यह हम सबका दायित्व है। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। खेलो इंडिया स्कीम ने जिला स्तर पर स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया है, लेकिन अब इस प्रयास को हमें ब्लॉक लेवल पर ले जाना है।”