राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (20 दिसंबर) को कोच्चि में स्पेशल एनआईए कोर्ट में कहा था कि केरल में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेता इस्लामिक स्टेट (IS) और अल-कायदा के कुछ नेताओं के संपर्क में थे। NIA ने प्रतिबंध के बाद गिरफ्तार किए गए PFI नेताओं के खिलाफ जांच के लिए और समय की मांग की।
केरल में PFI नेताओं के ISIS और अल कायदा से रिश्ते
एनआईए ने कोच्चि की एक विशेष अदालत को बताया है कि प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पास रिपोर्टरों का एक सीक्रेट विंग है जो अन्य समुदायों के नेताओं की डिटेल्स इकट्ठा करता है और लक्ष्यों की सूची तैयार करता है। एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ अदालत में दायर एक हलफनामे में यह खुलासा किया।
11 PFI नेताओं की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग
हलफनामे में 11 पीएफआई नेताओं की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की गई थी, जिन्हें सितंबर 2022 में केरल से गिरफ्तार किया गया था। यह कार्यवाई PFI के परिसरों और पदाधिकारियों पर राष्ट्रव्यापी छापेमारी के हिस्से के रूप में की गयी थी। एनआईए ने कोर्ट में कहा कि प्रभावी जांच करने के लिए और एजेंसी को डिजिटल डेटा और जांच के दौरान एकत्र किए गए अन्य विवरणों की जांच करने के लिए 90 दिनों से ज्यादा की आवश्यकता होगी। जिसके बाद ही कोई तार्किक निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।
PFI की देशद्रोही गतिविधियों के संबंध में मिले सबूत
NIA ने कहा कि PFI द्वारा की गई देशद्रोही गतिविधियों के संबंध में अहम जानकारी और डिजिटल साक्ष्य भी मिले हैं। जांच में पीएफआई नेताओं द्वारा सोशल मीडिया समूहों के माध्यम से युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने जैसे कदमों का भी खुलासा हुआ है। विशेष अदालत ने इस संबंध में एनआईए की दलीलों को सुनते हुए सबूतों को इकट्ठा करने और जांच के लिए अतिरिक्त समय दिया। जानकारी के मुताबिक, NIA को जांच पूरी करने और चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिनों का और समय दिया गया है।
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एनआईए ने कहा कि जांच में गैरकानूनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए गए धन के संदिग्ध लेन-देन का पता चला और पीएफआई के कुछ नेताओं और कैडरों ने इस्लामिक स्टेट की विचारधारा का प्रचार किया था। एनआईए ने कहा कि कुछ सीरिया में प्रतिबंधित संगठन में शामिल हो गए थे जबकि अन्य ने आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया की यात्रा भी की थी।