पेटीएम ने कहा कि उसने ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के मुख्य द्वार के बाहर क्यूआर कोड वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं। कंपनी ने कहा, ‘वह 2018 में हुए एक अनुबंध के तहत चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं से चंदा मांग रही है।’ वहीं, मंदिर समिति के प्रवक्ता हरीश गौड़ ने बताया कि 2018 में बीकेटीसी और पेटीएम के बीच एक समझौता हुआ था। इससे पहले मंदिर समिति ने ऐसे किसी बोर्ड को लगाने से इनकार किया था.
मंदिर समिति ने दर्ज की थी शिकायत
बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम परिसार में क्यूआर कोर्ड लगाए जाने की जानकारी मिलने के बाद मंदिर कमेटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि धाम के कपाट खुलने वाले दिन ही स्कैनर लगाए गए थे। मंदिर कमेटी की शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
67 लाख रुपये का डोनेशन मिला
मंदिर कमेटी के प्रवक्ता के अनुसार, अनुबंध के बाद के बाद ही क्यूआर कोर्ड वाले बोर्ड पेटीएम ने मंदिरों के बाहर लगाए हैं। बीकेटीसी को पेटीएम के जरिए दान के रूप में 67 लाख रुपये मिले हैं। हालांकि कंपनी ने बोर्ड लगाने से पहले मंदिर समिति के अधिकारियों से अनुमति नहीं ली थी, जिससे कंफ्यूजन हुआ। Paytm ने मंदिर समिति चेयरमैन अजेंद्र अजय से गलती के लिए माफी मांगी है।
इस मामले में क्या हुआ अब तक
पेटीएम से ठगी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेंद्र डोभाल ने अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी 420 के तहत मामला दर्ज किया था। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि पिछले हफ्ते बोर्ड हटा दिए गए थे। मंदिर समिति वित्तीय लेनदेन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल नहीं करती है।