ओवैसी ने खेला बड़ा सियासी खेल, मुस्लिमों के साथ-साथ दलितों पर भी फेंका जाल

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों यूपी दौरे पर है। अपने इस दौरे के अंतिम दिन ओवैसी ने बाराबंकी वंचित-शोषित समाज सम्मेलन को संबोधित किया। यहां ओवैसी ने एक तरफ जहां मुस्लिमों को बड़ा सन्देश दिया। वहीं दलितों को भी साधने की कोशिश की। सम्मलेन को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों के साथ धर्मनिरपेक्षता को जानबूझकर कमजोर किया गया है, दलितों को निशाना बनाया जा रहा है।

ओवैसी ने सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेस पर बोला हमला

बाराबंकी में ओवैसी ने वंचित-शोषित समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों के साथ धर्मनिरपेक्षता को जानबूझकर कमजोर किया गया है, दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार भाजपा के इशारे पर किए गए हैं, जबकि अन्य दलों सपा, बसपा या कांग्रेस ने दर्शकों की भूमिका निभाई, उन्होंने सीएए, ट्रिपल तालक के खिलाफ नहीं बोला।

इससे पहले सुल्तानपुर में ओवैसी ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से नरेंद्र मोदी दो बार देश के प्रधानमंत्री बने। ओवैसी ने अपने ऊपर लग रहे उन आरोपों को भी खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया।

मुसलमान आज तक जिन पार्टियों को वोट देते रहे, उनमें से किसी ने मुसलमानों को नेता नहीं बनाया। ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों ने बरसों एसपी-बीएसपी और कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन अपने समाज अपने समाज के साथ खड़े नहीं हुए। अगर ऐसा करते तो यूपी में मुसलमान आज राजनीतिक ताकत बन गए होते।

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ओवैसी ने कहा कि कहा जाता है ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा। सुल्तानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं? उन्होंने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है।