स्मार्टफोन के जमाने में ऑनलाइन गेम्स का प्रचलन खूब बड़ा है। भारत हो या कोई और देश, हर जगह ऑनलाइन गेम का क्रेज देखने को मिलता है। हालांकि यह बात भी सच है कि ज्यादातर ऑनलाइन गेम्स की शुरुआत से चीन ही होती है। लेकिन अब वही ऑनलाइन गेम चीन के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। दरअसल, चीन के बच्चों और युवाओं में गेमिंग की लत लगने शुरू हो गई है। यही कारण है कि अब चीन ने भी एक्शन लेना शुरू कर दिया है। चीनी रेगुलेटर्स ने देश में नए ऑनलाइन गेम्स को मंजूरी देने की रफ्तार को धीमी कर दी है।

इस कदम के साथ ही वह कई वीडियो गेमिंग कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा। इससे पहले भी चीन ने ऑनलाइन गेम से बच्चों को दूर करने के लिए नियमों को कड़े कर दिए गए थे। नए नियम में यह भी कहा गया है कि अब 18 साल से कम उम्र के बच्चे हफ्ते में 3 घंटे ही ऑनलाइन गेम खेल सकेंगे यानी कि शुक्रवार, शनिवार और रविवार को सिर्फ एक 1 घंटे। हालांकि इसका असर भी कुछ खास दिख नहीं रहा है। इन नियमों को लागू करने की भी जिम्मेदारी अब गेमिंग कंपनियों को ही दे दी गई है। नए नियम में यह भी कहा गया है कि अगर गेमिंग कंपनी इसे लागू के बारे में असफल होते हैं तो इसके लिए उन्हें जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।
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लाइसेंसिंग प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अब नए गेम को मंजूरी देने के लिए कुछ समय की रोक लगा दी जाएगी। फिलहाल हम सब का उद्देश्य नए गेम्स में कटौती करना है। आपको यह भी जानकारी होगी कि फिलहाल चीन दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो गेमिंग हब है। एक अन्य अधिकारी ने यह भी बताया कि फिलहाल लाइसेंसिंग प्रक्रिया को होल्ड पर रखा गया है। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि लाइसेंस पर रोक कब तक रखा जाएगा। इससे पहले भी ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगाने के लिए चीन ने कई कड़े कदम उठाएं।
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