अब कुंओं से नहीं भरा जाता झांसी के सिया और धवनी गांवों में पानी

सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एतिहासिक भूमिका के कारण देश में प्रसिद्ध झांसी के ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी कभी बड़ी समस्या थी। महिलाएं कई किमी दूर पैदल चलकर पानी भरने जाती थीं। सिर पर एक नहीं दो-दो गगरी रखकर लाया करती थीं ताकि दूसरी बार पानी भरने न जाना पड़े। कभी-कभी तो रात में भी यही मशक्कत करनी पड़ती थीं। बाद में सरकारी हैण्डपम्प लगे मगर समस्या जस की तस रही, गर्मियां आते ही भूजल स्तर गिर जाता था और हैण्डपम्प सूख जाते थे। ऐसी विकट स्थितियों से जूझने वाले झांसी मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित चिरगांव विकासखंड के सिया और धवनी गांव में आज जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से नल कनेक्शन पहुंच गए हैं और उनसे स्वच्छ पेयजल भी मिल रहा है।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव की ओर से योजनाओं के निरंतर किये जा रहे निरीक्षण और ग्रामीणों तक जल्द  नल से जल का लाभ दिलाने के प्रयासों का ही असर है कि झांसी के गांव-गांव तक योजना का लाभ ग्रामीणों को मिलने लगा है।  यहां हर घर में ख़ुशी है। बुजुर्ग ही नहीं बच्चे, महिलाएं सब के चेहरे खिले हैं। महिलाएं घर के कामों में अधिक समय दे रही हैं बच्चे भी समय पर स्कूल जा रहे हैं। यह पहला मौका भी है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना से बुंदेलखंड के घर-घर तक पेयजल पहुंचने की शुरुआत हुई है। सूखाग्रस्त, पथरीले इलाकों में भी सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार पानी की पाइप लाइन बिछाकर पेयजल परियोजनाओं से स्वच्छ पेयजल पहुंचा रही है। बात झांसी के गांवों की करें तो जल जीवन मिशन के तहत परीक्षा बांध से मुराठा डब्ल्यूटीपी को पानी पहुंचाया जा रहा है। यहां से ग्राम सिया, धवानी समेत 23 गांव को पानी सप्लाई दी जा रही है। ग्राम सिया में पानी की टंकी भी बनाई गई है जिससे सुबह और शाम पानी सप्लाई दी जा रही है। करीब 11544 परिवारों के 69264 ग्रामीणों को योजना से लाभ मिल रहा है।

स्कूली बच्चों को मिल रहा पढ़ाई का पूरा समय

स्थानीय निवासी राकेश कुमार और शीला गुप्ता नल से मिल रहे जल से खुश हैं। बताते हैं कि घर तक पानी पहुंचने से समस्याएं दूर हुई हैं। कक्षा आठ की राधा और कक्षा छह की भूमि के लिए योजना वरदान बनी है। कहती हैं कि अब पढ़ने के लिए काफी समय मिल रहा है। पानी दूर से लाने का झंझट नहीं रहा है। प्रधान प्रतिनिधि रघुराज सिंह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते नहीं थकते हैं। कहते हैं कि आज उनके गांव में हर घर को स्वच्छ पेयजल मिल रहा है।

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पिंकी और अंजलि जैसी कई महिलाएं कर रही पानी जांच

सिया गांव की पिंकी और अंजलि जैसी अनेक महिलाएं पीने के पानी के स्त्रोतों की जांच कर रही हैं। इन महिलाओं के प्रयासों से दूषित जल स्त्रोंतों की पहचान आसानी से हो रही है। पीने के पानी की स्वच्छ उपलब्धता में इनकी भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण हैं। दोनों महिलाएं बताती हैं कि सरकार की योजना से मिली जिम्मेदारी के कारण गांव में लोग उनको जल दीदी नाम से पुकारने लगे हैं।