अब उद्योग लगाने के लिए मशीनरी की तलाश नहीं बनेगी चुनौती, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी

अब उद्योग लगाने के लिए मशीनरी की तलाश नहीं बनेगी चुनौती, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी

  • प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देगा “यूपी मार्ट पोर्टल”, एमएसएमई सेक्टर को मिलेगी नई उड़ान
  • योगी सरकार की अभिनव पहल, एमएसएमई उद्यमियों के लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी तमाम सुविधाएं
  • मशीनरी सप्लायर, सर्विस प्रोवाइडर, फ्रेंचाइज़ी ओनर और एक्सपर्ट्स का होगा समागम
  • ऑनलाइन सर्च, संपर्क और कोटेशन की मिलेगी सुविधा, राज्य के मशीनरी आपूर्तिकर्ता कर सकेंगे पोर्टल पर पंजीकरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को नई ऊर्जा देने की दिशा में एक और क्रांतिकारी कदम बढ़ाया है। उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों के लिए अब मशीनरी की तलाश और सही सेवा प्रदाताओं तक पहुंच बनाना पहले जैसा मुश्किल नहीं रहेगा। सरकार ने इसके लिए “यूपी मार्ट पोर्टल” विकसित किया है जो एक समर्पित और बहुउद्देशीय प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवा कॉन्क्लेव’ का उद्घाटन करने के साथ ही यूपी मार्ट पोर्टल की भी शुरुआत की। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स के लिए आवश्यक उपकरणों तक पहुंच को आसान बनाना है।

ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस को मिलेगा बढ़ावा
सीएम युवा योजना के नोडल अधिकारी और ज्वॉइंट कमिश्नर इंडस्ट्रीज सर्वेश्वर शुक्ला के अनुसार इस पोर्टल पर राज्य भर के मशीनरी सप्लायर, फ्रेंचाइज़ी ओनर, सर्विस प्रोवाइडर और तकनीकी विशेषज्ञ एकत्रित होंगे। कोई भी उद्यमी यहां लॉग-इन करके अपने व्यवसाय की जरूरत के अनुसार मशीनरी की खोज कर सकेगा और ऑनलाइन संपर्क एवं कोटेशन प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने बताया कि यूपी मार्ट पोर्टल का उद्देश्य उद्यमियों के समय, श्रम और संसाधनों की बचत करना है। इससे “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य में उद्योगों की स्थापना की रफ्तार तेज होगी।

मशीनरी आपूर्तिकर्ताओं के लिए सुनहरा अवसर
उन्होंने कहा कि सरकार का यह डिजिटल नवाचार राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करेगा और प्रदेश की औद्योगिक विकास यात्रा को नई दिशा देगा। राज्य के मशीनरी आपूर्तिकर्ताओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। वे पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर, प्रदेश भर के ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना सकेंगे। इससे उनका व्यापार बढ़ेगा और एमएसएमई सेक्टर में मांग और आपूर्ति का संतुलन बेहतर होगा।