एनसीबी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे नवाब मलिक के दामाद, ड्रग्स केस में हैं गिरफ्तार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) के विरुद्ध हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज करेंगे। नवाब मलिक ने कहा कि एनसीबी ने उनके दामाद को फर्जी मामले में गिरफ्तार किया और साढ़े आठ महीने तक जमानत नहीं होने दी। साथ ही मीडिया में पूरे परिवार को बदनाम किया गया।

नवाब मलिक ने कहा- एनसीबी कर रही दामाद के जमानत का विरोध

नवाब मलिक ने कहा कि उनके दामाद को जमानत पिछले महीने मिली है, लेकिन कोर्ट ने अपना आर्डर कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। इस आर्डर को पढऩे के बाद पता चला कि एनसीबी ने समीर खान को हर्बल तंबाखू के मामले में गिरफ्तार किया था।

समीर खान की गिरफ्तारी फर्नीचर वाला की निशानदेही पर की गई थी। फर्नीचर वाला के पास भी सिर्फ साढ़े सात ग्राम गांजा बरामद किया था। नवाब मलिक ने कहा कि एनसीबी के पास नशीले पदार्थों की पहचान करने की उच्च स्तर की मशीन है, इसके बाद भी एनसीबी गांजा एवं हर्बल तंबाखू में फर्क नहीं कर सकी, यह आश्चर्यजनक ही है।

नवाब मलिक ने कहा कि उनके दामाद की गिरफ्तारी के बाद ड्रग सहित विदेशी आरोपितों को पकड़ा गया ,जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। इनमें विदेशी ड्रग पेडलर, महिला ड्रग पेडलर भी शामिल हैं। जानबूझकर साढ़े आठ माह तक एनसीबी उनके दामाद की जमानत का विरोध करती रही, लेकिन एनसीबी के मामले में कोई दम नहीं होने की वजह से उनके दामाद को कोर्ट ने ही जमानत दे दिया।

यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े हुए बीजेपी सांसद, मोदी सरकार को याद दिलाए अटल के शब्द

नवाब मलिक ने कहा कि उनके दामाद के मामले में कोर्ट का निर्णय और सारा प्रोसीजर कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। नवाब मलिक ने कहा कि कार्डिलिया क्रुज शिप ड्रग पार्टी के बारे में उन्होंने जब से पत्रकार वार्ता की है, तब से उन्हें देश के अलग-अलग इलाकों से जान से मारने की धमकी के फोन आ रहे हैं। इस मामले की शिकायत उन्होंने पुलिस के समक्ष दी है। उन्होंने फिर दोहराया कि एनसीबी जानबूझकर सिलेक्टिव फर्जी कार्रवाई कर रही है। एनसीबी की इस फर्जी कार्रवाई का पर्दाफाश वे करते रहेंगे, भले ही उन्हें कितनी भी धमकी मिले।

इस पर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने कहा कि यह मामला कोर्ट के अधीन है। इसलिए वे इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।