इजराइल अपने कट्टर दुश्मन फिलिस्तीन को बम हमलों के बावजूद वहां के लोगों की जान बचाने के लिए कोरोना वैक्सीन की 10 लाख डोज देने जा रहा है। इसका कारण उन कोरोना वैक्सीन की 10 लाख खुराक की एक्सपायरी डेट (उपयोग की अंतिम तारीख खत्म होने) का होना है, जिसे इजराइल समय से पहले फिलिस्तीन प्राधिकरण (पीए) को हस्तांतरित करेगा। इसके बदले फिलिस्तीन इस साल मिलने वाली टीके की इतनी ही डोज इजराइल को वापस करेगा।
इजराइल अपनी आबादी के 85 प्रतिशत वयस्कों का टीकाकरण कर मास्क पहनने समेत कई तरह की पांबदियों को हटा चुका है। वैक्सीन की डोज पश्चिमी तट और गाजा में रह रहे 45 लाख फिलिस्तीनियों से साझा नहीं करने पर इजाराइल को आलोचना का सामना कर रहा है।
इस समझौते की घोषणा इजराइल की नई सरकार ने शुक्रवार को की। नई सरकार के बनने के बाद नेफ्टाली बेनेट ने रविवार को ही सत्ता संभाली थी। इजराइली सरकार ने कहा कि वह फाइजर टीके की खुराक पीए को ट्रांसफर करेगी जिनकी एक्सपायरी डेट जल्द समाप्त होने वाली है। इसके बदले में पीए इतनी ही संख्या में टीके की खुराक सितंबर या अक्टूबर में दवा कंपनियों से मिलने पर इजराइल को हस्तांतरित करेगा।
अधिकार समूहों का कहना है कि इजराइल ने इलाके पर कब्जा किया है और इसलिए फलस्तीनियों को टीका मुहैया कराने की जिम्मेदारी उसकी है। हालांकि, इजराइल ने इस तरह की जिम्मेदारी से इनकार करते हुए वर्ष 1990 में फलस्तीन के साथ हुए आंतरिक शांति समझौते को रेखांकित किया है। समझौते के तहत पीए को पश्चिमी तट पर सीमित स्वायत्ता होगी और वह स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार होगा। गाजा पर इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास का शासन है जिसे इजराइल और पश्चिमी देश आतंकवादी संगठन मानते हैं।
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हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इजराइल फाइजर वैक्सीन की डोज डब्ल्यूएचओ की योजना कोवैक्स के तहत देगा या अलग समझौते के तहत।