कोरोना का नाम लेकर मुसलमानों को निशाना बनाया गया: अशद रशीदी

जमीअत उलमा ए हिंद के प्रदेश अध्यक्ष ने की पत्रकारवार्ता

अशद रशीदी

लखनऊ। आज जमीअत उलमा ए हिंद के प्रदेश अध्यक्ष अशद रशीदी ने प्रेस कांफ्रेंस की। मुल्क में कुछ ताकतें ऐसी हैं जो नफरत का बीज बोकर अमन, मोहब्बत को खत्म करने में लगी है। खासकर कोरोना का नाम लेकर मुसलमानों को निशाना बनया गया है यह तकलीफ देय है। दूसरे देश को हिन्दुस्तान पर हंसने का मौका दिया।

देश प्यार और मोहब्बत से चला है और चलेगा

देश प्यार और मोहब्बत से चला है और चलेगा। किसी भी मजहब के खिलाफ नफरत की बात करता है वो देश से गद्दारी कर रहा है। किसी मदरसे में दहशतगर्दी को परवान नहीं चढ़ाया जाता है। सरकार जिस तरह से संस्कृत के मदरसों और मुस्लिम मदरसों को ऐड देती है अगर आसाम में मुसलमानों के मदरसों को ऐड मिल रही थी उसको बंद नहीं करना चाहिये। किसी को मजहबी बुनियाद पर दाड़ी रखने से किसी को कोई रोक नहीं सकता। चाहे वह फौज हो या पुलिस। कोर्ट फैसला कर चुका है। मुल्क के हालात, तालीम आदि पर चर्चा हुई।

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उन्होंने कहा कि हम ये समझते है कि मुल्क में कुछ ताकते ऐसी है जो नफरत की बीज बोती है। कोरोना के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया गया है। ये कहा गया कि मुल्क में कोरोना मुसलमान की वजह से फैल रहा है। ये बात कहकर बाहर के लोगों को हसने का मौका दिया गया। इलेक्ट्रोनिक मीडिया प्रिंट लगातार यह दिखाती रही है। मैं ये समझता हूं कि कोई भी किसी की मजहब के लिए गलत बोलता है तो वह देश के साथ गद्दारी करता है। जो मदरसों को लेकर कहा जा रहा कि गलत तालीम दी जा रही है ऐसे मदरसों को बताइये उनके नाम बताइये उजागर करिये। फिर उसके बाद उसपर हम निर्णय लेंगे। बागपत में एक सब इंस्पेक्टर को दाड़ी को लेकर सस्पेंड किया गया है पर बयान देते हुए कहा कि इस तरह का केस पहले ही सामने आ चुका है। कोर्ट में पहले ही इनपर फैसला दिया जा चुका है। अगर कोई अपने मजहब के हिसाब से दाड़ी रखना रख सकता है ये कोर्ट कहता है। फिर इस तरह की कार्रवाई ठीक नही है।