पाकिस्तान से एक बार फिर आस्था को चोट पहुंचाने वाली घटना सामने आई है। दरअसल, यहां अल्पसंख्यकों पर लगातार किये जा रहे सितम के बीच खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कोहाट के करक जिले में भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की। बुधवार को घटी इस घटना के बाद हिंदू समुदाय में काफी रोष नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को स्वतः संज्ञान में लिया है। इस मामले की सुनवाई के लिए 5 जनवरी का दिन निर्धारित किया गया है।
मंदिर में तोड़फोड़ की घटना से मुख्यमंत्री नाराज
एक न्यूज एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, मामले की जानकारी देते हुए जिला पुलिस अधिकारी इरफान मरवत ने कहा कि मंदिर के विस्तार कार्य का विरोध करते हुए भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
उधर, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया। उन्होंने मामले पर पुलिस से रिपोर्ट मांगी है और घटना में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने अभी तक 26 लोगों को गिरफ्तार किया है।
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एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदू समुदाय के नेता पेशावर हारून सरबयाल ने कहा कि एक हिंदू धार्मिक नेता की समाधि मंदिर स्थल पर मौजूद है और देशभर के हिंदू परिवार हर गुरुवार को समाधि के दर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, समुदाय के अनुसार, देश में 90 लाख से अधिक हिंदू रह रहे हैं।