लव जिहाद के खिलाफ बने कानून को मिला सुप्रीम साथ, याचिका पर दिया सुझाव

देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की सत्तारूढ़ शिवराज सरकार द्वारा लव जिहाद के खिलाफ बनाए गए क़ानून को सुप्रीम कोर्ट का साथ मिला है। दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस क़ानून के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करने से साफ़ इंकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया तर्क

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम इस तरह के दूसरे याचिकाकर्ताओं को भी पहले हाईकोर्ट जाने को कह चुके हैं। आप भी वहां जाइए। सीधे सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की मांग सही नहीं है।

कोर्ट उन याचिकाओं पर नोटिस जारी कर चुका है जिनमें अवैध धर्म परिवर्तन के खिलाफ बने एक से ज़्यादा राज्यों के कानूनों को चुनौती दी गई है लेकिन सिर्फ एक राज्य तक सीमित याचिकाओं को हाईकोर्ट जाने के लिए कह रहा है।

यह भी पढ़ें: उन्नाव मामले को लेकर योगी सरकार पर भड़के केजरीवाल के मंत्री, लगाए गंभीर आरोप

कोर्ट ने पिछले 17 फरवरी को हिमाचल प्रदेश और मध्यप्रदेश को पक्षकार बनाया था। कोर्ट ने जमीयत उलेमा ए हिंद को भी अपना पक्ष रखने की अनुमति दी थी। पिछले 6 जनवरी को कोर्ट ने यूपी और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इस कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।