केजरीवाल ने केंद्र से हाथ जोड़कर की विनती, बोले – ‘एमसीडी चुनाव मत टालिए मोदीजी!’

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के प्रस्ताव को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को एक करना (एकीकरण) तो एक बहाना है. असली मकसद चुनाव टालने का है. उन्होंने कहा कि भाजपा को लग रहा था कि अगर दिल्ली में अभी चुनाव होगा तो आम आदमी पार्टी की लहर है, भाजपा चुनाव हार जाएगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हम चुनाव आयोग पर दबाव डालकर चुनाव रद्द कराते हैं, तो इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है और देश कमजोर होता है. मेरी प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन है कि चुनाव रद्द मत कराइए. उन्होंने कहा कि 9 तारीख को दिल्ली चुनाव आयोग ने एक प्रेस इनविटेशन भेजा कि आज शाम 5 बजे एमसीडी चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा. केंद्र सरकार ने 4 बजे चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं. चुनाव की घोषणा न की जाए.

निर्वाचन आयोग ने मांगी कानूनी सलाह

बताते चलें कि दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बारे में कानूनी विशेषज्ञों की सलाह लेने का फैसला किया है कि दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण के लिए केंद्र से पत्र मिलने के बाद क्या अब भी तीनों निगमों में चुनाव कराये जा सकते हैं. आयोग ने बुधवार को पत्र मिलने के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम, उत्तर दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा टाल दी. केंद्र को तीनों निगमों को मिलाने के लिए दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) कानून में संशोधन करना होगा. आयोग के अधिकारियों ने कहा कि आयोग का काम स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले निष्पक्ष तरीके से निगम के चुनाव कराने का है. उन्होंने कहा कि नये सदस्यों का निर्वाचन 18 मई से पहले करना होगा.

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एमसीडी के एकीकरण का पूर्व महौपौरों ने किया स्वागत

दिल्ली में तीनों नगर निगमों का एकीकरण करने के कदम के बीच कई पूर्व महापौरों ने गुरुवार को इस फैसले का स्वागत किया. यहां तक कि उन्होंने मेयर पद को और अधिक शक्ति और लंबा कार्यकाल देने की हिमायत की. उन्होंने यह भी दावा किया कि एक एकीकृत नगर निकाय बनाने से तीनों नगर निगमों की वित्तीय स्थिति निश्चित रूप से बेहतर होगी. वर्ष 2012 तक दिल्ली में एक नगर निगम की व्यवस्था थी.