असम के चुनावी रण में कमलनाथ ने संभाला मोर्चा, भाजपा पर लगाए कई गंभीर आरोप

असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शनिवार को होने जा रहा है। कांग्रेस के सभी प्रयासों में मुख्य फोकस असम के लोगों की ओर रहा है। हमारी दृष्टि योजना, हमारी गारंटी असम के सभी लोगों के इर्द-गिर्द केंद्रित है। असम को आगे कैसे ले जाया जाए, इस पर हमारा फोकस है। जबकि, भाजपा पिछले पांच वर्षों की सत्ता के दौरान अपने रिपोर्ट कार्ड को पेश करने में पूरी तरह से विफल रही है। यह बातें शुक्रवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने असम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

कमलनाथ ने उठाया एमपी के किसानों का मुद्दा

असम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान एआईसीसी के प्रवक्ता प्रो. गौरव वल्लभ और एपीसीसी की मीडिया विभाग की अध्यक्ष बबीता शर्मा मौजूद थीं। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि पहले चरण के चुनाव प्रचार अभियान में भाजपा की नकारात्मक प्रवृति और उनकी घृणा वाली राजनीति देखने को मिली। यह उनकी विचारधारा का एक सुसंगत विषय रहा है।

कांग्रेस ने नेता ने कहा कि किसान 120 दिनों से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री के पास उनसे बात करने का समय नहीं है। असम या कहीं और के लिए फैसले दिल्ली में बैठे दो लोग ही करते हैं। पार्टी अध्यक्ष या प्रदेश के नेताओं के पद पर बैठे लोग उनके लिए कोई महत्व नहीं है। असम के लिए भी मामा (डॉ. हिमंत विश्वशर्मा) के गुजराती आकाओं ने फैसला किया है कि असम को कैसे शासन करने की जरूरत है और वे ही तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा।

मध्य प्रदेश के किसानों की कर्ज माफी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि ऋण माफ करने की प्रक्रिया कई चरणों की होती है। इसी सिलसिले में ऐसा हो सकता है। दूसरी ओर अनेक ऐसे भी किसान के नाम पर कर्ज लेने वाले लोग थे, जो सरकारी नौकरियां करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलने में माहिर हैं। प्रत्येक दिन वे कम से कम 10 झूठ जरूर बोलते हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी 100 दिनों की सरकार थी इसमें जहां तक हो सकता था मध्य प्रदेश की जनता की भलाई के लिए उन्होंने कार्य किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गैर भाजपा की सरकारों को अस्थिर करके लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा रही है। चाहे वह राजस्थान की सरकार हो या महाराष्ट्र की सभी जगह पर वे धनबल की जोर पर सरकारों को अस्थिर किया करते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान का निर्माण करते हुए यह नहीं सोचा था कि यह इतने नीचे तक गिर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने असम में पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान यह बातें रखी हैं कि हमारे सभी प्रयास सकारात्मक होंगे और असम की बेहतरी और असमिया अस्मिता की रक्षा की दिशा में निर्देशित होंगे। उन्होंने कहा, हम एक साझा दृष्टिकोण के साथ लोगों के पास गए हैं। असम के लोग क्या चाहते हैं और कांग्रेस सभी मुद्दों को कैसे सुलझाएगी, इसके बारे में बताया है।

कमलनाथ ने कहा, कांग्रेस पार्टी न तो नफरत की राजनीति का समर्थन करती है और न ही इसका प्रतीक है। हमारा मानना है कि घृणा की राजनीति के की बजाये हमें असम के अपने दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करना चाहिए। इस प्रयास में कांग्रेस ने असम के लोगों को पांच गारंटी दिया है जो असम को मजबूत बनाएगा।

उन्होंने कहा कि हम उन सभी मतदाताओं से आग्रह करेंगे जो असम के लिए अपने दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने के लिए अपना वोट डालेंगे। हमारे पसीने की हर बूंद असम के लिए विकास योजना की ओर रही है और होगी। यह चुनाव असम के भाग्य का फैसला करेगा। मतदाताओं के सामने यह चुनाव स्पष्ट विकल्प है कि नफरत की राजनीति, अधूरे वादों की राजनीति, हिंसा की राजनीति, असमिया भावनाओं को आहत करने की राजनीति या असम के लिए दृष्टि और समर्पण की राजनीति है।

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उन्होंने राज्य की जनता को विश्वास दिलाया कि कांग्रेस का हाथ पकड़ें और मिलकर सभी असम की भावना के लिए काम करेंगे और जश्न मनाएंगे। असम की धरती के सभी बेटे-बेटियां अगले पांच साल और उससे आगे असम की विकास यात्रा में कांग्रेस की सहयोगी बनेगी।