अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: महिलाओं को हौंसला देते हैं हिंदी सिनेमा के ये गीत

पूरी दुनिया में आठ मार्च को महिलाओं के सम्मान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम अपने पाठकों को बता रहे हैं हिंदी फिल्मों के कुछ ऐसे गीत के बारे में जो खास महिलाओं पर आधारित करके ही फिल्माएं गए हैं।

कोमल है कमजोर नहीं तू

साल 1985 में आई दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल की फिल्म ‘आखिर क्यों’ का गाना ‘कोमल है तू कमजोर नहीं’ आज भी काफी मशहूर है। आशा भोसले की आवाज में गाये इस गीत के जरिये महिलाओं में उनके अंदर की शक्ति को जगाया और जागरूक किया गया है।

बादल पे पांव हैं

साल 2007 में आई शाहरुख़ खान की फिल्म ‘चक दे इंडिया’ का हेमा सरदेसाई की आवाज में गाया गीत ‘बादल पे पांव हैं’ उन महिलाओं के लिए हैं जो आसमान को छूने के सपने देखती हैं और अपने सपनों को पूरा करना चाहती है।

पटाका कुड़ी

साल 2014 में आई आलिया भट्ट की फिल्म ‘हाईवे’ का गाना ‘पटाका कुड़ी ’ महिलाओं के आज़ादी का जश्न दर्शाता है। इस खूबसूरत गाने को अपनी आवाज़ दी है नूरां सिस्टर्स सुल्ताना और ज्योति ने। फिल्म का म्यूजिक एआर रहमान ने दिया है।

वुमानिया

साल 2019 में रिलीज़ हुई तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘सांड की आंख’ का गाना ‘वुमानिया’ महिलाओं के अंदर के जोश को उबारता है। इसके हर एक बोल महिलाओं के अंदर छुपी ताकत को जोश से भरता है।

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इन सब के सोनम कपूर की फिल्म ‘नीरजा’ का ‘जीते हैं चल’, प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह की फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ का गाना ‘गर्ल्स लाइक टू स्विंग ‘ प्रियंका चोपड़ा की फिल्म मैरी कॉम का गाना ‘जिद्दी दिल’ समेत हिंदी सिनेमा में कई ऐसे गाने हैं जो खास महिलाओं पर आधारित करके ही फिल्माए गए हैं।इन गानों के जरिये उन्हें जिंदगी में मुश्किलों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने और जिंदगी को जीने की प्रेरणा दी गई है।