इंदौर है दुनियाभर में स्वच्छता का सर्वोच्च उदाहरण : हरदीप सिंह पुरी

प्रधानमंत्री मोदी की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार करने तथा स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट को स्थापित किया गया है। इंदौर को दुनियाभर में स्वच्छता का सर्वोच्च उदाहरण के तौर पर माना जाता है। लगातार पिछले पांच सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर पूरे देश में नंबर वन है। इंदौर वाटर प्लस में पहले स्थान पर है। उक्त बातें केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट के शुभारंभ के अवसर पर कही।

पुरी ने कहा कि मध्य प्रदेश में न केवल इंदौर, बल्कि भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर इत्यादि शहरों में भी स्वच्छता के लिए आज बहुत अच्छा काम हो रहा है। स्वच्छता में इंदौर शहर ने अपना सर्वोच्च स्थान बरकरार रखा है। अब इंदौर में कचरे से ऊर्जा बनाने की अकल्पनीय सोच को मूर्त रूप दिया गया है। इंदौरियों का जज़्बा अन्य शहरों एवं राज्यों के लिए प्रेरक है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वेस्ट-टू-वेल्थ की अवधारणा को साकार करने तथा स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार के उद्देश्य से नगर निगम, इंदौर द्वारा गीले कचरे के निपटान के लिए 550 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट को स्थापित किया गया है। यह प्लांट संपूर्ण एशिया महाद्वीप में जैविक अपशिष्ट से बायो सीएनजी का सबसे बड़ा तथा देश का पहला प्लांट हैं, जो इंदौर ही नहीं अपितु प्रदेश के साथ देश के लिए गौरव की बात है। शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित इस बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी ने किया।

बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट की स्थापना पर जहां एक ओर नगर निगम, इंदौर को वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी आईईआईएसएल, नई दिल्ली द्वारा नगर निगम, इंदौर को प्रतिवर्ष ढाई करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में दिये जाएंगे। इस प्लांट में प्रतिदिन 550 एमटी गीले कचरे (घरेलू जैविक कचरे) को उपचारित किया जाएगा, जिससे 17 हजार 500 किलोग्राम बायो सीएनजी तथा 100 टन उच्च गुणवत्ता की आर्गेनिक कम्पोस्ट का उत्पादन होगा।

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इस प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो सीएनजी में से 50 प्रतिशत गैस नगर निगम, इंदौर को लोक परिवहन की संचालित बसों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। शेष 50 प्रतिशत गैस विभिन्न उद्योग एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को विक्रय की जा सकेगी। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया और अन्य मंत्रीगण के साथ तमाम लोग इस लाइव कार्यक्रम में शामिल हुए।