जीवन में स्वतंत्रता सबसे बड़ा सुख, ,परतंत्रता सबसे बड़ा दुख है: ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य

लखनऊ। चिन्मय मिशन लखनऊ द्वारा आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर अपने महानगर स्थित आश्रम पर कोविड को देखते हुए सूक्ष्म कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आचार्य ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी ने ध्वाजारोहण किया एवं इसके पश्चात अपने सूक्ष्म संबोधन में बताया कि प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्र रहना चाहता है, स्वतंत्रता हमारी स्वाभाविक मांग एवं अधिकार है और सबसे बड़ा सुख है। अध्यात्म में भी हम इस देह से, जीवत्व से, पुर्नजन्म से स्वतंत्रता प्राप्ति का ही मार्ग खोजते हैं। हमारा जीवन देश को अपने कर्तव्यों, विचारों, सेवा आदि के माध्यम से कृतज्ञता ज्ञापन करने का हो। चिन्मय मिशन का संकल्प वाक्य है ‘‘जितना हम देश और प्रकृति से लेते हैं उससे अधिक पैदा कर बांट देने के लिए कटिबद्ध हैं।’’

कार्यक्रम में चिन्मय मिशन के श्रीमती नीलम बजाज, रमेश मेहता, रेनु अग्रवाल, घनश्याम अग्रवाल, विनीत तिवारी ने भी अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम की समाप्ति अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण के साथ हुई।