कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन एक विकराल रूप लेता जा रहा है। इसी क्रम में किसानों ने एक बार फिर ऐसा ऐलान किया है, जिसने मोदी सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। दरअसल, किसान अब अपने इस आंदोलन की गति बढाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी। इसी क्रम में गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी अपनी रणनीति उजागर की है।
किसान आन्दोलन को लेकर बनी यह रणनीति
उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर और 14 दिसंबर के विरोध प्रदर्शन के लिए रणनीति बनाई जा रही है। दरअसल, किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ सरकार को साफ कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि 12 दिसंबर को देशभर के टोल प्लाजा पर हम अपना विरोध जताएंगे। ये विरोध केंद्र सरकार और मल्टीनेशनल कंपनी के खिलाफ भी होगा। हमारे कार्यकर्ता विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन करेंगे।
14 दिसंबर को देशभर के सभी जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें इन कानूनों को वापस लेने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा, जब तक केंद्र सरकार ये कानून वापस नहीं ले लेती तब तक हर रोज 11 बजे किसान क्रांति मार्च निकालेंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
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इसके अलावा गाजीपुर बॉर्डर पर बैनर, पोस्टर भी लगाए जाएंगे। हालांकि किसानों ने हाल ही में सरकार के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया था वहीं एक एलान भी किया था कि आगे आने वाले दिनों में नेशनल हाईवे को ब्लॉक करेंगे और बीजेपी नेताओं का घेराव करेंगे