Earthquake: दिल्ली-यूपी सहित कई राज्यों में महसूस हुए भूकंप के तेज झटके, कुछ सेकंड तक हिलती रही धरती, 6.2 तीव्रता

दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। आज मंगलवार की दोपहर करीब 2 बजकर 51 मिनट पर आए भूकंप के झटकों के बाद लोग दहशत में हैं। लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता करीब 6.2 मापी गई। जिसका केंद्र नेपाल में जमीन से 5 किलोमीटर गहराई में था। झटके उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में महसूस किए गए।

श्रावस्ती में 2 बजकर 51 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस हुए हैं। भूकंप की तीव्रता 4.6 रही। उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में भी भूकंक के झटके महसूस किए गए। आपको बता दे, भूकंप का केंद्र नेपाल था। नेपाल में भूकंप की तीव्रता क़रीब 4.6 रही। अचानक ही धरती कांपने से लोग डर गए हैं।

भूकंप आने का कारण?
आपको बता दे, धरती के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां इन प्लेट्स में ज्यादा टकराव होता है, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने के कारण प्लेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं। जब अधिक दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने लगती हैं और इसी डिस्टर्बेंस के कारण भूकंप आता है।

जानें भूंकप के केंद्र और तीव्रता का अर्थ ?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल होने के कारण धरती के अंदर की ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका असर कम हो जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे ज्यादा की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज महसूस किया जाता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापे जाते भूकंप की तीव्रता ?
आपको बता दे, भूंकप की जांच एक रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल के नाम से जाना जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के अनुसार ही मापा जाता है। भूकंप को केंद्र यानी की एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के समय धरती के अंदर से जो ऊर्जा बाहर निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा लगाया जाता है।