किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों में पड़ी फूट, एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को 50 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है। इस दौरान सरकार और किसान संगठनों के बीच कई बार बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। लेकिन अब इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान संगठन आपस में ही एक-दूसरे पर आरोप मढ़ते नजर आ रहे हैं।

किसान नेता गुरनाम पर हुई बड़ी कार्रवाई

आजतक की एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, अभी बीते दिनों हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा से निष्कासित कर दिया गया था। उनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगा था।

किसान नेता शिवकुमार कक्का ने बताया कि गुरनाम सिंह चढूनी पिछले कुछ दिनों से विपक्षी पार्टियों से दिल्ली के मावलंकर हॉल में मुलाकात कर रहे थे और उनकी बैठकों में शामिल हो रहे थे। वहीं, किसान मोर्चे की बैठक से नदारद रह रहे थे। इसी अनुशासनहीनता की वजह से उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा से निष्कासित किया गया।

उधर, निष्कासित होने के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने शिवकुमार कक्का पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शिव कुमार कक्का को आरएसएस का एजेंट करार दे देते हुए कहा कि यह कार्रवाई उनके इशारे पर हुई है। हालांकि शिवकुमार कक्का ने उनके इस बयान को क्रिया पर प्रतिक्रिया बताया है।

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आपको बता दें कि अभी तक किसान आंदोलन पर कई तरह के आरोप लग चुके हैं। इसी के साथ ही सरकार ने किसान आंदोलन पर राजनीतिकरण का भी आरोप लगाया है। इन्ही आरोपों को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा काफी सख्त कदम उठा रहा है।