26/11 हमले के मास्टरमाइंड को अदालत ने सुनाई कड़ी सजा, टेरर फंडिंग का था आरोप

26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी को 15 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा शुक्रवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने सुनाई है। लखवी को पिछले ही दिनों टेरर फंडिंग के आरोप में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी कोर्ट ने लखवी की सजा का ऐलान किया है।

26/11 आतंकी हमले में थी लखवी की बड़ी भूमिका

आपको बता दें कि मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के बाद भारत ने जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ बड़ा कदम उठाया था। भारत के प्रयासों की वजह से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने लखवी को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान में उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया था। हालांकि, इस गिरफ्तारी के छह साल बाद उसे रिहा कर दिया गया। 

अंतरराष्ट्रीय दबाव और पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में पड़ने के चलते वहां की सत्तारूढ़ इमरान सरकार को बीते दिनों लखवी के खिलाफ एक बार फिर कार्रवाई करनी पड़ी और उसे गिरफ्तार करना पड़ा। अब अदालत ने उसे 15 साल की सजा सुनाई है।

लखवी को आतंकी मसूद अजहर के खास लोगों में गिना जाता है। उस पर आरोप है कि वह स्वास्थ्य सेवा के नाम पर आतंकियों के लिए फंडिंग जुटाने का काम करता है। इन पैसों का इस्तेमाल करके आतंकियों की ट्रेनिंग और उनके लिए हथियार जुटाए जाते हैं।

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लखवी के बारे में बताया जाता है कि मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले की पूरी साजिश उसी ने ही रची थी और हाफिज सईद ने इस साजिश को हरी झंडी दी थी। इसके बाद खतरनाक स्वचालित हथियारों से लैस 10 आतंकी 26 नवम्बर 2008 को मुंबई शहर में घुसे थे और यहां आतंक का गंदा नाच नाचा था। उन्होंने मुंबई के कई मुख्य स्थानों पर पहुंचकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस आतंकी घटना में 166 लोग मारे गए थे जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।