कोर्ट ने शारीरिक संबंध की तो दी इजाजत, लेकिन महिला के शादी करने पर लगा दी रोक

कहा जाता है कि व्यक्ति अगर बालिग है तो वो किसी से भी अपनी इच्छा अनुसार शादी करने के लिए स्वतंत्र है, कानून उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। लेकिन अगर किसी महिला को उसकी उम्र या फिर बीमारी की वजह से अदालत शादी करने की इजाजत न दें तो ये सुनकर आपको ऐसा लगेगा कि ये उस महिला के अधिकारों का हनन है। जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक महिला अपनी भूलने की बीमारी के चलते किसी के साथ शारीरिक संबंध तो रख सकती लेकिन शादी नहीं कर सकती।

दरअसल ब्रिटेन की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि डिमेंशिया वाली महिला को सेक्स करने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन वह शादी नहीं कर सकती। डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता और याद करने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ब्रिटिश महिला, जिसे अदालत ने फैसला सुनाया है, वह 69 वर्ष की है। महिला एक केयर होम में रहती है और महिला का वहां रहने वाले एक व्यक्ति से लगाव हो गया है।

ब्रिटिश टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन के उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने कहा कि एक महिला की मानसिक क्षमता ऐसी नहीं है कि वह शादी के बारे में फैसला कर सके। हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि महिला यौन संबंधों के बारे में फैसला ले सकती है।

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यह अफसोसजनक है कि मामले को सुलझाने में देरी के कारण, महिला को अपने साथी के साथ अंतरंगता से दूर रहना पड़ा। ब्रिटेन की सामाजिक सेवा परिषद ने महिला के संबंध में अदालत से निर्णय की मांग की।

न्यायाधीश ने कहा कि महिला के पास मुकदमेबाजी, घर, देखभाल, वित्तीय मामलों, संपत्ति और शादी से संबंधित फैसले लेने की मानसिक क्षमता नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि महिला यह अनुमान लगाने में सक्षम नहीं है कि तलाक की स्थिति में धन और संपत्ति का क्या होगा।

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न्यायाधीश ने कहा कि महिला के पास मुकदमेबाजी, घर, देखभाल, वित्तीय मामलों, संपत्ति और शादी से संबंधित फैसले लेने की मानसिक क्षमता नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि महिला यह अनुमान लगाने में सक्षम नहीं है कि तलाक की स्थिति में धन और संपत्ति का क्या होगा।