खेल रत्न पुरस्कार से हटा राजीव गांधी का नाम, तो फूटा कांग्रेस का गुस्सा, जमकर बोला हमला

भारत के सर्वोच्च खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने का देश में स्वागत हो रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता इस फैसले का बातों ही बातों में विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर जमकर कसे तंज

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नाम बदलने के कार्यों में माहिर है। अहमदाबाद के सरदार पटेल क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदलकर नरेन्द्र मोदी स्टेडियम कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर क्यों रख दिया। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि राजीव गांधी खेल पुरस्कार का नाम बदलकर नरेन्द्र मोदी खेल पुरस्कार रखा जाएगा।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ किए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल कर खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शुरूआत हो ही गई है तो अच्छी शुरुआत कीजिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि देश के खिलाड़ियों के नाम पर स्टेडियम का नाम रखा जाएगा। सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल दीजिए। 

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वहीं कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने भी प्रधानमंत्री के इस फैसले का विरोध किया। सहाय ने कहा कि राजीव गांधी ने देश में पहला एशियाड कराया था। उनका खेल में योगदान बहुत ज्यादा था। खेल पुरस्कार से राजीव गांधी का नाम बदला जाना ठीक नहीं। कांग्रेस सांसद के। सुरेश ने भी केन्द्र के इस फैसले का विरोध किया है। सुरेश ने कहा कि राजीव गांधी ने युवाओं को खेल के लिये प्रोत्साहित किया था। ऐसे में सरकार ने नाम बदलकर अच्छा नहीं किया।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश के नागरिक चाहते हैं कि राजीव गांधी खेल पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखा जाए। ऐसे में उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल रत्न को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा। इस घोषणा के बाद कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने-अपने तर्क से केन्द्र के इस फैसले का विरोध किया।