मोदी की बैठक के बाद कांग्रेस ने बनाई नई रणनीति, जम्मू-कश्मीर को लेकर बुलंद करेंगे आवाज

बीते 24 जून को जम्मू कश्मीर की सियासत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद अब कांग्रेस ने आगे की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। दरअसल, पीएम मोदी की बैठक में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने दिल्ली से जम्मू-कश्मीर वापस आते ही बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने अपने नेताओं को प्रधानमंत्री मोदी के साथ की बैठक का पूरा ब्यौरा दिया।

मोदी के सामने कांग्रेस रखेगी बड़ी मांग

मिली जानकारी के अनुसार, गुलाम अहमद मीर ने बताया कि कहा पीएम मोदी के साथ हुई बैठक का सबसे सकारात्मक पहलू यह रहा कि प्रदेश से धारा 370 के हटाए जाने के बाद पहली बार दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच की दूरी कम हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश से धारा 370 हटाए जाने के बाद बातचीत का एक सिलसिला जो बिल्कुल बंद हो गया था कम से कम इस बैठक के बाद खुल गया है।

गुलाम अहमद मीर ने कहा कि इस बैठक की सबसे अच्छी बात यह रही कि जिन भी लोगों ने अपनी बात रखी मोदी ने उन सारे राजनेताओं की बात खुले मन से सुनी। गुपकार गठबंधन पर तंज कसते हुए गुलाम अहमद मीर ने कहा कि इस गठबंधन में शामिल सभी दलों ने प्रधानमंत्री के सामने अपने-अपने दलों की बात रखी ना कि गठबंधन की। गुलाम अहमद ने साफ किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह मांग रखी है कि जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और उसी के बाद प्रदेश में चुनाव कराया जाए।

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गुलाम अहमद ने कहा कि परिसीमन पूरा होने के बाद अगर जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलता है और उसके बाद चुनाव होते हैं तो लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में इन चुनावों में भाग लेंगे। वह आज प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बैठक की जानकारी देंगे और उसके बाद यह सभी नेता कांग्रेस की भविष्य की रणनीति पर भी विचार करेंगे।