उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के चुनाव अभियान में भारी मांग है. राज्य बीजेपी इकाई चाहती है कि सार्वजनिक रैलियों में मुख्यमंत्री योगी को अलग-अलग पार्टी उम्मीदवारों के साथ उनके पक्ष में देखा जाए. असद अहमद के यूपी एसटीएफ द्वारा इनकाउंटर और सीएम योगी के हिट नारे ‘मिट्टी में मिला दूंगा’ के बाद अब यह मांग और भी बढ़ सकती है. सूत्रों से पता चला है कि बीजेपी राज्य इकाई ने कई रैलियों और रोड शो के लिए योगी आदित्यनाथ के राज्य के कम से कम छह दौरों का अनुरोध किया है. बेंगलुरु के एक बीजेपी नेता के मुताबिक कई उम्मीदवार चाहते हैं कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की रैलियां उनके निर्वाचन क्षेत्रों में हों. खासकर तटीय कर्नाटक में, जहां हिंदुत्व एक प्रमुख मुद्दा है.
असद का इनकाउंटर सीएम योगी की स्टार वैल्यू बढ़ाने वाला
हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ अप्रैल के अंतिम सप्ताह से राज्य में लगभग एक दर्जन रैलियों और रोड शो के लिए लगभग चार यात्राएं कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ 4 और 11 मई को उत्तर प्रदेश में होने वाले दो चरणों के शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भी व्यस्त रहेंगे. सूत्रों ने आगे कहा कि असद अहमद मुठभेड़ मामला आदित्यनाथ को लेकर एक बड़ा स्टार अट्रैक्शन बन सकता है. खासकर तटीय कर्नाटक में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ कार्रवाई एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन कर उभरी है. ऐसे में योगी आदित्यनाथ की गैंगस्टर माफियाओं समेत दुर्दांत अपराधियों के खिलाफ कड़ा रवैया कर्नाटक में चुनावी रैलियों में बीजेपी के पक्ष में एक जोरदार हवा बन सकता है. नेताओं को भी लग रहा है कि असद इनकाउंटर के बाद अपराध के खिलाफ उनका दमदार अभियान बीजेपी के पक्ष में तगड़ी हवा बना सकता है.
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कर्नाटक चुनाव में इन बीजेपी सीएम की भी है भारी मांग
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा एक और बीजेपी सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की भी कर्नाटक में बड़े स्तर पर चुनावी अभियान में जोर-शोर से हिस्सा लेने की मांग है. इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी के सशक्त ओबीसी चेहरा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर्नाटक में रैलियां करेंगे. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ अन्य राज्यों में भी भाजपा के लिए एक सफल स्टार प्रचारक के रूप में उभरे थे. उन्होंने गुजरात, त्रिपुरा, उत्तराखंड और दक्षिणी राज्यों में भी चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल किया गया है.