दांव पर CM योगी की प्रतिष्‍ठा, 62 सीटों के लिए RSS ने बनाया ये चक्रव्यूह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए गुरुवार (3 मार्च) को छठे चरण में ‘गोरखपुर क्षेत्र’ के 10 जिलों की 62 विधान सभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे. भाजपा की जीत के लिए राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) ने पूरी ताकत झोंक दी है और एक विपक्षी दलों को मात देने के लिए एक बड़ा चक्रव्यूह बनाया है. इस चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) समेत कई अन्य राजनैतिक दिग्गजों की साख दांव पर लगी है.

62 सीटों के लिए RSS ने बनाया चक्रव्यूह

10 जिलों की 62 विधान सभा क्षेत्रों में आरएसएस (RSS) के करीब 15 हजार ‘ग्राम प्रमुख’ अपनी टोलियां के साथ मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक एक-एक विधानसभा क्षेत्र में 240 से अधिक ‘ग्राम प्रमुख’ भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी टोलियों (पांच से दस लोगों के समूह) के साथ सक्रिय हैं. हालांकि, आरएसएस के पदाधिकारी इसे मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए ‘जनजागरण अभियान’ का नाम दे रहे हैं. बता दें कि कि गोरखपुर क्षेत्र के 62 विधानसभा क्षेत्रों में 27647 बूथ हैं, जहां आरएसएस के ‘ग्राम प्रमुखों’ और अन्य कार्यकर्ताओं की सक्रियता बढ़ी है.

 

राष्‍ट्र के लिए काम करते हैं: RSS

मऊ के नगर प्रचार प्रमुख डॉक्टर मधुकर आनंद ने बताया कि संघ (RSS) की सुबह ‘प्रभात शाखा’ में लोगों को अधिक से अधिक मतदान के लिए स्वयंसेवक जागरूक कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सुबह हम शाखा के बाद वार्डों में प्रभात फेरी निकाल रहे हैं और मतदाताओं को जागरूक कर रहे हैं तथा उनके बीच पत्रक भी बांट रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हम किसी दल के लिए नहीं राष्‍ट्र के लिए कार्य करते हैं.

 

लोक जागरण मंच, ‘गोरक्ष प्रांत’ की ओर से बांटे जा रहे पत्रक (Card) में मतदाताओं से अपील की गई है कि मतदान करते समय विचार करें कि आपका बहुमूल्य मत किसे जा रहा है. पत्रक की शुरुआत में ही कहा गया है, ‘उसे, जो शुरू से राम मंदिर बनाने के पक्ष में खड़ा रहा और उसके लिए संघर्ष किया या उसे, जिसने मंदिर की जगह मस्जिद या अस्पताल बनाने की बात करते हुए विरोध किया.’ इस पत्रक में विश्‍वनाथ धाम के साथ ही सरकारी नौकरियों में जातिवाद, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे मामलों का जिक्र किया गया है.

चुनाव में क्या है आरएसएस की भूमिका?

चुनाव में आरएसएस की भूमिका के संदर्भ में जब ‘गोरक्ष प्रांत’ के प्रांत प्रचारक सुभाष जी से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया, ‘निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास करता हैं, उसी के लिए हम जनजागरण कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘जन जागरण में यह प्रयास है कि आदमी वोट डालने जाए तो अच्छी सरकार बनाने के लिए मानकों पर विचार करे, सरकारों के कार्यकाल के मूल्यांकन के आधार पर अच्‍छे लोगों का चयन करें.’ सुभाष ने स्वीकार किया कि इस जनजागरण में करीब 15 हजार ‘ग्राम प्रमुख’ भी लगे हैं और इसके अलावा आरएसएस संगठन के और भी लोग शामिल हैं.

 

2017 में बीजेपी ने 44 सीटों पर दर्ज की थी जीत

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साल 2017 के विधान सभा चुनाव (UP Election 2017) में ‘गोरखपुर क्षेत्र’ की 62 विधान सभा सीटों में से 44 पर जीत दर्ज की थी, जबकि समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को सात-सात, कांग्रेस को एक और एक निर्दलीय को जीत मिली थी. इसके अलावा तब भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और अपना दल (सोनेलाल) को भी इस इलाके की एक-एक सीटों पर जीत मिली थी.

 

इस बार सपा के साथ है राजभर की पार्टी

इस बार पूर्वांचल के राजभरों में प्रभावी माने जाने वाले और योगी सरकार से सबसे पहले इस्तीफा देने वाले ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा सपा के साथ है और चुनाव से ऐन पहले राज्‍य सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देकर स्‍वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान भी सपा में शामिल हो गए हैं. मौर्य कुशीनगर की फाजिलनगर और दारा सिंह मऊ की घोसी सीट से सपा से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में इन नेताओं से संबंधित जातियों के मतों में बिखराव की आशंका जताई जा रही है.

 

RSS ने बनाई बीजेपी को जिताने की रणनीति

सूत्रों के अनुसार आरएसएस (RSS) के क्षेत्र प्रचारक अनिल ने रविवार को मऊ के ‘राजस्‍थान भवन’ में आरएसएस और भाजपा की एक समन्‍वय बैठक की, जिसमें भाजपा उम्मीदवारों को चुनाव जिताने की रणनीति बनाई गई. बैठक में शामिल एक कार्यकर्ता ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि राम मंदिर निर्माण धन संग्रह अभियान के समय सभी गांवों में आरएसएस ने ‘ग्राम प्रमुख’ बनाए थे और इस चुनाव में वे सभी ‘ग्राम प्रमुख’ टोली बनाकर बूथवार प्रचार अभियान में सक्रिय हैं. इसके पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने आरएसएस के एक पदाधिकारी के साथ विधानसभा चुनाव संचालन समिति की दोहरीघाट में बैठक की थी.

 

गोरखपुर से चुनावी मैदान में योगी आदित्यनाथ

पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का गृह क्षेत्र गोरखपुर ही है और इस बार यहीं से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इस क्षेत्र में राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी सपा ने मुस्लिम और पिछड़े वर्गों के मतों को एकजुट करने की कोशिश की है. बांदा जेल में बंद और पांच बार के कथित बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी इस बार खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और उनकी जगह पर उनके बेटे अब्बास अंसारी सपा की सहयोगी सुभासपा के टिकट पर मऊ से उम्मीदवार हैं.

 

बीजेपी का 2017 से बेहतर प्रदर्शन का दावा

इधर, भाजपा ने बिहार के राज्‍य सभा सदस्‍य विवेक ठाकुर को विधान सभा चुनाव का सह प्रभारी बनाकर गोरखपुर क्षेत्र के दस जिलों की जिम्मेदारी सौंपी है. विवेक ठाकुर ने दावा किया कि भाजपा गोरखपुर क्षेत्र में 2017 के मुकाबले और बेहतर प्रदर्शन करेगी. राजनीतिक दलों की कार्यशैली पर नजर रखने वाले मऊ के विनय जायसवाल ने कहा, ‘अगर किसी भाजपा उम्मीदवार से लोगों की व्यक्तिगत नाराजगी है तो उसे दूर करने की भी कोशिश ग्राम प्रमुखों की टोलियां कर रही हैं.’

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गोरखपुर क्षेत्र का जातिगत समीकरण

जानकारों के अनुसार ‘गोरखपुर क्षेत्र’ के 10 जिलों में करीब 52 फीसद पिछड़ी जातियों के अलावा, 20 फीसद अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. यहां के अलग अलग क्षेत्रों में पिछड़ी कुर्मी-सैंथवार, मौर्य-कुशवाहा, यादव, राजभर, नोनिया-चौहान बिरादरी की निर्णायक संख्या है, जबकि दलितों में जाटव के अलावा पासी, खटीक, बेलदार, धोबी भी कुछ क्षेत्रों में अच्छी तादाद में हैं. सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण और क्षत्रिय के अलावा कायस्थ भी लगभग सभी जिलों में हैं. मऊ, आजमगढ़ और पडरौना समेत करीब 15 विधान सभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं का भी प्रभाव है.

इन 10 जिलों में मतदान

गोरखपुर क्षेत्र में कुल 10 जिले गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया और मऊ शामिल हैं और इनमें कुल 62 विधान सभा सीटें हैं. आजमगढ़ जिले की 10 और मऊ जिले की चार विधान सभा सीटों पर आखिरी चरण में सात मार्च को मतदान होगा, जबकि बाकी 48 सीटों पर छठे चरण में तीन मार्च को मतदान होना है. शरू के पांच चरणों में कुल 292 सीटों पर मतदान हो चुका है और अभी दो चरणों में कुल 111 सीटों पर मतदान होना बाकी है.