भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 जून को अमेरिका के राजकीय यात्रा पर रवाना हो रहे हैं और माना जा रहा है, कि पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान, भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र को लेकर कई अहम घोषणाएं होने वाली हैं।
जाहिर है, भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती सैन्य और राजनीतिक भागीदारी ने चीन को परेशान करना शुरू कर दिया है, लेकिन शायद ये पहला दुर्लभ मामला है, जब नसीहतों के साथ चीनी अखबार ने भारत की तारीफ की है और माना है, कि भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूत विकास हो रहा है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले एक ओपिनियन आर्टिकिल लिखा है, जिसमें भारत की तारीफ की गई है, लेकिन सवालों के साथ भारत को नसीहत भी दी गई है, कि अमेरिका पर निर्भर होना, उसे अमेरिका के रिमोट कंट्रोल पर चलने वाली स्थिति में ला सकता है।
ग्लोबल टाइम्स की नसीहतें
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जा रहे हैं।
चीनी कम्यनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने लिखा है, कि “2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह (पीएम मोदी) अक्सर अमेरिका का दौरा करते रहे हैं, लेकिन नवंबर 2009 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली राजकीय यात्रा है।” आगे लिखा गया है, कि “अमेरिकियों ने इसे (पीएम मोदी की यात्रा को) गंभीरता से लिया और उन्हें कांग्रेस में बोलने का सम्मान दिया है, एक ऐसा सम्मान, जो द इकोनॉमिस्ट में 15 जून के एक लेख ने याद दिलाया है, कि ये सम्मान विंस्टन चर्चिल जैसे बड़े नामों ही मिला हुआ है।”
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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, कि “12 जून को वाशिंगटन डीसी में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट में ब्लिंकन (अमेरिका के विदेश सचिव) ने कहा था, कि मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच “गहरे संबंधों” को और मजबूत करेगी।” चीनी अखबार ने आगे लिखा है, कि “अमेरिकी मीडिया ने खुलासा किया है, कि वाशिंगटन, भारत पर न सिर्फ “फूलों की बारिश” करना चाहता है, बल्कि कुछ मीठे केक भी देना चाहता है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण एक ऐतिहासिक रक्षा विधेयक पर हस्ताक्षर करना है।” ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है, कि “बेशक, अमेरिका घाटे का सौदा नहीं करेगा। रॉयटर्स ने इस मामले से परिचित सूत्रों के हवाले से कहा, कि वाशिंगटन नई दिल्ली से MQ-9B SeaGuardian ड्रोन खरीदने का आग्रह कर रहा है, हथियारों की बिक्री का ये सौदा 2 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।”