चीन ने जताई भारत से बात करने की इच्छा, सामने रखी मदद की पेशकश

भारत में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है। पड़ोसी मुल्क ने शुक्रवार को कहा है कि वे कोरोना वायरस का सामना करने के लिए भारत से बात करने के लिए तैयार है। खास बात है कि इससे एक दिन पहले चीन ने भारत को मदद की पेशकश की थी। भारत में गुरुवार को संक्रमण के 3 लाख 14 हजार 835 नए मामले दर्ज किए गए हैं। यह दुनिया का एक दिन में सबसे बड़ा आंकड़ा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे भारत से बात करने के लिए तैयार हैं कि इसमें किस चीज की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘चीन, भारत की जरूरत के अनुसार खास मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार है।’ गुरुवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेन्बिन ने कहा था कि बीजिंग इस बात को जानता है कि भारत में हालात गंभीर हो गए हैं। साथ ही यहां महामारी को रोकने के लिए जरूरी चीजों की कमी है।

वांग ने यह प्रतिक्रिया चीन की आधिकारिक मीडिया की तरफ से पूछे सवाल पर दी थी। उनसे पूछा गया था कि भारत में फैल रही महामारी को देखते हुए चीन क्या कार्रवाई कर रहा था। वांग ने कहा था ‘चीन जरूरी मदद और समर्थन देने के लिए तैयार है।’ हालांकि, इस दौरान उन्होंने इस बात की जानकारी नहीं दी कि इस मदद में क्या शामिल होगा।

प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कहा ‘नोवल कोरोना वायरस पूरी मानवता का शत्रु है और वैश्विक समुदाय को ऐसी महामारियों से लड़ने के लिए एक होने की जरूरत है।’ बीते साल भारत उन देशों में शामिल था, जो बीजिंग को लगातार मेडिकल सुविधाएं मुहैया करा रहा था। खास बात है कि उस दौरान चीन में कोविड-19 महामारी के हालात ज्यादा गंभीर थे। भारत ने चीन को 15 टन की मेडिकल सप्लाई पहुंचाई थी, जिसमें मास्क, ग्लव्ज और अन्य सामान था। इसकी कीमत करीब 2.11 करोड़ रुपए थी।

यह भी पढ़ें: समाजवादी पार्टी के नेता ने लखनऊ की सड़कों पर चिपकाए पोस्टर, हुए दोबारा कोरोना पॉजिटिव

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत में चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग न भारत की तरफ से की गई मदद की तारीफ की थी। वहीं, चीन ने अप्रैल में कोविड-19 संबंधी मेडिकल सप्लाई के जरिए भारत का एहसान वापस किया था। उस दौरान भारत में पहली लहर के चलते हालात बेहद खराब हो रहे थे।