भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बीजेपी ने राज्यपाल से की बड़ी मांग

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ उद्धव सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को हथियार बनाकर बीजेपी आक्रामक नजर आ रही है। इस मुद्दे को लेकर उद्धव सरकार पर लगातार हमला कर रही बीजेपी ने इस बार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के साथ मिलकर बड़ी मांग की है।

बीजेपी ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से राज्य की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मंगाना चाहिए। सूबे में चल रही पुलिस के माध्यम से वसूली व पुलिस के तबादलों में भ्रष्टाचार का कितना हिस्सा कांग्रेस पार्टी को मिल रहा है, यह भी कांग्रेस नेताओं को सार्वजनिक करना चाहिए।

बीजेपी के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिला। इस मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में पुलिस की शह पर वसूली अभियान व पुलिस वालों के तबादले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। राज्य में तीन दलों की सरकार किसी भी तरह सिर्फ सरकार बचाने का ही प्रयास कर रही है।

बीजेपी नेता ने कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति भयावह हो गई है लेकिन सरकार की ओर से कोरोना को रोकने का कोई भी प्रभावी उपाय नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार की 100 गलतियों की सूची राज्यपाल को सौंपी है और इन सभी का जवाब मुख्यमंत्री से मंगाए जाने की मांग की है।

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी के तीनों दल भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हर दल भ्रष्टाचार के पैसे से अपनी पार्टी के विस्तार में लगा है। इससे राज्य की जनता परेशान हो उठी है। राज्य में पुलिस के तबादलों के रैकेट करने वाले अधिकारी का तबादला कर दिया जाता है। जबकि उस अधिकारी ने जिस रैकट को उजागर किया है, उसपर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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बीजेपी नेता ने कहा कि राज्य में अस्तित्वहीन हो चुकी कांग्रेस पार्टी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल है, इसी वजह कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई व्यक्तव्य नहीं दिया जा रहा है। इसी वजह से उन्होंने राज्यपाल से राज्य सरकार से इस मामले की रिपोर्ट मंगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री इन मामलों पर चुप हैं, इसी वजह से बीजेपी को राज्यपाल से मिलना पड़ रहा है।