भाजपा के संगठन में कई अहम बदलाव करने से दिखेगा पार्टियों में साहस, किया दूसरे दल से आए नेता पर भरोसा

इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होने हैं। इसी के साथ होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने बीते दिन मंगलवार को कुछ अहम बदलाव किये हैं। भाजपा ने 4 राज्यों पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव किये हैं। कांग्रेस से तालुकात रखने वाले सुनील जाखड़ को पंजाब की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। जबकि आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी और तेलंगाना में जी किशन रेड्डी को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, झारखंड में बाबू लाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी हाईकमान ने एटाला राजेंद्र को तेलंगाना में बीजेपी के चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष चुना है।

लम्बे समय तक पंजाब प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली है कांग्रेस के जाखड़ ने
सुनील जाखड़ ने साल 2017 से 2021 तक कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभाल चुके हैं। वो पिछले साल मई में भाजपा में शामिल हुए थे। साल 2002-2017 तक जाखड़ अबोहर विधानसभा सीट से लगातार तीन बार विधायक भी रह चुके हैं। 2012-2017 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। इसी के साथ साथ जाखड़ ने फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना के गुजरने के बाद खाली हुई गुरदासपुर लोकसभा सीट से भी जीत हासिल की थी।

तेलंगाना में भाजपा ने की दो बड़ी नियुक्ति
तेलंगाना में भाजपा ने एक और बड़ी नियुक्ति की है। यहां की सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) से भाजपा में आने वाले पूर्व मंत्री एटेला राजेंद्र को राज्य में चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष चुना गया है। आपको बता दे, तेलंगाना में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रदेश सरकार में लगभग छह मंत्री रेड्डी समुदाय से सम्बंधित हैं। तेलंगाना में हुई ये नियुक्तियां राज्य में होने वाले चुनावों के ध्यान में रखते हुए अहम मानी जा रही है। केंद्रीय मंत्री रेड्डी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बंडी संजय कुमार की जगह लेंगे।

भाजपा ने साल 2020 के उपचुनाव में किया था प्रभावी प्रदर्शन
भाजपा ने साल 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और हुजुराबाद, दुब्बाका निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव में बहुत प्रभावी तरीके से प्रदर्शन किया था। पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में चार सीटों पर जीत दर्ज की थी और अब यह उम्मीद की जा रही है कि पार्टी को हुई नयी नियुक्तियों से पार्टी के अभियान को राज्य में और साहस मिल सकता है। आपको बता दे, रेड्डी संयुक्त आंध्र प्रदेश में राज्य में भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और वह साल 2002 से 2005 के बीच भाजपा केव युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

झारखंड में हुई मरांडी की नियुक्ति
झारखंड में मरांडी की नियुक्ति को बहुत ज्यादा आवश्यक माना जा रहा है, क्योंकि वह जनजातीय समुदाय से सम्बन्ध रखते है। राज्य में इसी समुदाय की हितैषी होने का दावा करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा सत्तारूढ़ है। आपको बता दे, झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल चुके मरांडी के अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद पार्टी नेताओं में कुछ आपसी मतभेद हो गए थे जिसके बाद उन्होंने साल 2006 में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन कर लिया था। जानकारी के मुताबिक, साल 2020 में उन्होंने अपनी पार्टी को भाजपा से विभाजित कर दिया था। आपको यह भी बता दे, बूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। साल 1991 और 1996 में वे लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन साल 1998 के चुनाव में उन्होंने शिबू शोरेन को संथाल से मात दिया था।

क्या होगा डी पुरंदेश्वरी की नियुक्ति फायदा ?
आपको बता दे, आंध्र प्रदेश में डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला भी आवश्यक माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सोमू वीराजू की जगह ली है। पुरंदेश्वरी को ऐसे समय में प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी गई है, जब केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी और वहां की प्रमुख विपक्षी पार्टी तेलूगु देशम पार्टी (TDP) के बीच गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। मिली जानकारी के मुताबिक पको बता दे, पुरंदेश्वरी टीडीपी के संस्थापक के साथ साथ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन टी रामाराव की बेटी हैं।

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