टिकट बंटवारे को लेकर सामने आया BJP का फॉर्मूला, इस रणनीति पर काम कर रही दिल्ली-MP से आई टीम

उत्तर प्रदेश  में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से तैयारियों में जुट चुकी है. एक ओर जहां पीएम मोदी, अमित शाह और सीएम योगी समेत पार्टी के दिग्गज नेता ताबड़तोड़ रैलियां कर भाजपा के पक्ष में हवा बना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भगवा पार्टी की टीम जमीन पर उतर चुकी है और टिकट बंटवारे से पहले लोगों की राय ले रही है. दरअसल, चुनाव की तारीख का ऐलान कभी भी हो सकता है, ऐसे में भाजपा भी टिकट को लेकर अब अपने निर्णायक स्टेज में पहुंच चुकी है. भाजपा टिकट बंटवारे से पहले हर विधानसभा क्षेत्र में सर्वे करा रही है. मकसद है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की राय को आलाकमान से अवगत कराना और फिर टिकट बंटवारे में उन तथ्यों को ध्यान में रखना जो सर्वे से सामने आएंगे.

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दरअसल, भारतीय जनता पार्टी में में टिकटों को लेकर महामंथन शुरू हो गया है. अब इसके लिए विधानसभा क्षेत्रों में फाइनल सर्वे किए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिल्ली और मध्य प्रदेश भाजपा की टीम आ चुकी है और यहां करीब एक सप्ताह तक अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सर्वे करेगी. सर्वे के बाद जो यह टीम रिपोर्ट तैयार करेगी, उसे पार्टी नेतृत्व को सौंप दी जाएगी. माना जा रहा है कि दिल्ली और एमपी भाजपा की यह टीम पश्चिमी यूपी की करीब 71 सीटों पर यह सर्वे कर रही है.

क्या है सर्वे का फॉर्मूला

हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान के मुताबिक, फाइनल सर्वे को लेकर एक प्रदेशस्तरीय नेता को एक-एक मंडल की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं तीन-तीन पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र में लगाया गया है. टीम फाइनल सर्वे का काम शुरू कर चुकी है. मेरठ मंडल की जिम्मेदारी दिल्ली भाजपा के प्रदेशस्तरीय पदाधिकारी को दी गई है. माना जा रहा है कि भाजपा पदाधिकारियों की यह टीम इस मंडल के सभी जिलों का दौरा कर रही है. और वह आम वोटर से लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल रही है और उनकी राय जान रही है.

सूत्रों की मानें तो पार्टी यह जानने की कोशिश कर रही है कि वर्तमान विधायक के नाम पर कार्यकर्ता से लेकर वोटर कितने संतुष्ट हैं या फिर उनके मन में किसी और नेता की चर्चा है. टिकट किसे दिया जाए या किसे नहीं, इसे लेकर लोगों की राय भी जानी जा रही है. प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर के कार्यकर्ताओं से भी राय ली जा रही है कि उनसे विधानसभा क्षेत्र में कौन टिकट के योग्य होगा. मौजूदा विधायक को टिकट दिया जाए या जिस नाम की चर्चा हो रही है, उसे मैदान में उतारा जाए, इन सवालों को लेकर पार्टी एक सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही है. उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे बड़े जिलों में फाइनल सर्वे के लिए भाजपा ने 20-20 लोगों की टीम भेजी है.

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कहा जा रहा है कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम सौ लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है. इसमें आम जनता से लेकर पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ता होंगे. उनके फीडबैक के आधार पर यह टीम शीर्ष नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट देगी और फिर इस रिपोर्ट को टिकट फाइनल करने वाली कमेटी के सामने रखा जाएगा. फिर यह कमेटी प्रदेश नेतृत्व को भेजेगी और तब जाकर भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में इस पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में करीब 12 से 15 दिनों का वक्त लगेगा. ठीक इसी तरह की पहल पूर्वांचल में भी हो रही है.