केंद्रीय मंत्री राणे को लेकर आपस में भिड़ी बीजेपी-शिवसेना, संजय राऊत ने आरोपों पर किया पलटवार

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयान देने की वजह से बीते दिनों हुई केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी ने अब बड़ा सियासी मुद्दा बनता नजर आ रहा है। दरअसल, नारायण राणे की गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक करार देते हुए अभी तक जहां बीजेपी शिवसेना के खिलाफ हमलावर नजर आ रही थी। वहीं अब बीजेपी के इन हमलों पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने पलटवार किया है।

संजय राऊत ने कहा- केंद्रीय मंत्री के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई

दरअसल, शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि हमारी पार्टी किसी भी आरोप-प्रत्यारोप से नहीं घबराती है, आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र का हिस्सा है। संजय राऊत ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के संदर्भ में कहा कि राणे यदि अपना विभागीय कार्य ठीक ढंग से कर रोजगार सृजन करें तो शिवसेना इसका स्वागत करेगी। उन्होंने कहा कि नारायण राणे की गिरफ्तारी बदले की भावना से नहीं की गई थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धमकी देने पर यह कार्रवाई पुलिस ने की।

संजय राऊत ने गुरुवार को मुंबई में पत्रकारों से कहा कि केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी बदले की भावना से नहीं की गई थी। मुख्यमंत्री ठाकरे को धमकी देने पर यह कार्रवाई पुलिस ने की। इस तरह की कार्रवाई इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बेनामी धमकी पत्र आने के बाद की गई थी। इस मामले में कई आरोपित अभी भी जेल में हैं। इसी तरह उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली धमकी के बाद भी कई लोगों को अब तक जेल में रखा गया है। राऊत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विरुद्ध धमकी देने के बाद सरकारी मशीनरी करती है। इसमें किसी का हाथ अथवा दबाव नहीं रहता है।

राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने राणे की गिरफ्तारी में परिवहन मंत्री अनिल परब के दबाव डालने को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि अनिल परब मंत्री समूह में हैं और सरकार का हिस्सा हैं, इसलिए पुलिस को निर्देश देना कोई गलत नहीं है। इस मामले का जवाब देने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार सक्षम है। उन्होंने कहा कि बदले की भावना के तहत काम करने के लिए राज्य सरकार के पास ईडी, आईटी, सीबीआई नहीं है। केंद्र सरकार खुद बदले की भावना से प्रेरित होकर काम कर रही है। इससे सरकार घबराने वाली नहीं है।

सांसद राऊत ने बताया कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने चप्पल पहनकर छत्रपति शिवाजी महाराज का माल्यार्पण किया था। जबकि महाराष्ट्र में नंगे पैर छत्रपति शिवाजी महाराज को माल्यार्पण करने की परंपरा है। इससे आदित्यनाथ के इस कृत्य से छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान हुआ था। इसी वजह से मुख्यमंत्री ठाकरे ने आदित्यनाथ के विरोध में बयान दिया था।

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राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकरे के आदित्यनाथ विरोधी बयान पर बीजेपी अब विरोध जता रही है। बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उसके नेताओं को छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति प्रेम नहीं है अथवा प्रेम खत्म हो गया है। सांसद राऊत ने राणे का जिक्र किए बिना कहा कि शिवसेना प्रमुख स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे ने बहुत से सामान्य लोगों को बड़े-बड़े पदों तक पहुंचाया। इसलिए बड़े पदों पर पहुंचने के बाद लोगों को शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का उपकार नहीं भूलना चाहिए।