100 करोड़ टीकाकरण को लेकर भाजपा नेताओं ने दी प्रधानमंत्री को बधाई, तृणमूल ने उठाए सवाल

100 करोड़ लोगों के कम से कम पहले डोज के टीकाकरण का जश्न पूरा देश मना रहा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बाबत राष्ट्र को संबोधित किया है और इस अभियान की सफलता के लिए देशवासियों की एकजुटता को सराहा है। इसे लेकर बंगाल भाजपा के नेताओं ने प्रधानमंत्री की सराहना की है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस अभियान की सफलता पर मनाये जा रहे जश्न को लेकर सवाल खड़ा किया है।

तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और महासचिव कुणाल घोष ने कहा है कि देश के 100 करोड़ों लोगों के टीकाकरण में केंद्र सरकार को नौ महीने लग गए। इस देरी का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि भाजपा तथाकथित सफलता का जश्न मना रही है, लेकिन लोगों को टीका लगाने में उन्हें नौ महीने लग गए। जब ट्रेनें चलने लगेंगी तो वह कहीं रुकेगी ही और देरी से डिलीवरी के बारे में जश्न मनाने जैसा कुछ भी नहीं है।

इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भारत की एक बड़ी आबादी का टीकाकरण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी और दावा किया कि ममता बनर्जी सरकार के कारण पश्चिम बंगाल में परिदृश्य ”निराशाजनक” है।

उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत में टीकाकरण अभियान की सराहना की है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बधाई दी है। लेकिन पश्चिम बंगाल में टीकाकरण अभियान बेतरतीब ढंग से चलाया जा रहा है और आम लोगों को ठीक से और स्वतंत्र रूप से वैक्सीन नहीं मिल रहा है। ममता बनर्जी सरकार केवल बड़ी-बड़ी बातों में विश्वास करती है।

इधर भाजपा उपाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए तृणमूल प्रवक्ता ने दावा किया कि घोष को टिप्पणी करने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।

विशेष रूप से, पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन से पता चला है कि पश्चिम बंगाल में कम से कम एक खुराक के साथ 6.2 करोड़ से अधिक लोगों को टीके लग चुके हैं।

पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड विकास निधि की वित्तीय स्वीकृतियां समय से जारी हों : मुख्यमंत्री

इधर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा कि भारत का वैक्सीन ड्राइव अब तक का सबसे बड़ा और सबसे तेज अभियानों में से एक है। अनुमान बताते हैं कि भारत की 75 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी ने पहली खुराक प्राप्त की है और 31 फीसदी से अधिक ने दूसरी खुराक प्राप्त की है; जिनमें 48 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। यह प्रगति पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।