बिहार के साथी यूपी में बने दुश्मन, योगी सरकार पर हमला करते हुए जेडीयू ने किया बड़ा ऐलान

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी नीत योगी सरकार अपना सियासी किला बचाने की पुरजोर कवायद में जुटी है। ऐसे में बीजेपी के सामने अब उसके साथी ने ही चुनावी बिगुल बजा दिया है। दरअसल, बिहार में भले ही बीजेपी और जेडीयू साथ मिलकर सूबे की सत्ता पर विराजमान है, लेकिन यूपी में वही जेडीयू बीजेपी सरकार के खिलाफ चुनावी ताल ठोकती नजर आ रही है। दरअसल, जेडीयू ने यूपी विधानसभा चुनाव में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

जेडीयू नेता ने योगी सरकार पर बोला हमला

इस खबर की जानकारी आजतक न्यूज चैनल के समाचार पोर्टल से मिली है। इस न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, जेडीयू नेता केसी त्यागी ने योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए ईपी चुनाव में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इस ऐलान के साथ ही केसी त्यागी ने समाचार पत्रों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी किया।

एक सवाल के जवाब में जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि योगी सरकार में समाज में बेचैनी है। सबको बराबर की हिस्सेदारी चाहिए। अब हर कोई हक चाहता है। उन्होंने कहा कि यदि यूपी चुनाव के लिए बीजेपी के साथ सीटों को लेकर बात नहीं बनी तो हम छोटे दलों के साथ जाएंगे। हम यूपी में चुनाव लड़ने को तैयार हैं। जेडीयू नेता ने कहा कि यहां पर किसानों और पिछड़े वर्ग को न्याय नहीं मिल पा रहा है। हम 200 सीट पर उम्मीदवार उतारेंगे जिसमें सबसे ज्यादा किसान और पिछड़े वर्ग के लोग होंगे। किसानों ने ही योगी और मोदी की सरकार बनाई है इसलिए इन्हें अन्य मतदाता नहीं समझना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में हैं। पहली प्राथमिकता बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने की रहेगी, लेकिन अगर सीटों को लेकर बात बनी तो। उन्होंने कहा कि अगर सीट बंटवारे को लेकर बीजेपी के साथ बात नहीं बनी तो हम किसी के भी साथ जा सकते हैं। समाजवादी पार्टी को लेकर सवाल पर त्यागी ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से हमारे अलग रिश्ते हैं लेकिन हम पार्टी के साथ नहीं जा सकते। वह विरोधी पार्टी है। जेडीयू के फ्रेमवर्क में एआईएमआईएम के लिए कोई जगह नहीं है।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि वीपी सिंह के संन्यास लेने के बाद जनता दल टूटता गया और एक हिस्सा सपा चला गया। अब वो लोग यहां खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। जेडीयू यूपी में नए जोश के साथ उतरने को तैयार है। उन्होंने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार न उतारने को गलती बताया। जेडीयू नेता ने कहा कि हमने कोरोना के दौर में काफी लापरवाही बरती है जिसका खामियाजा गांवों ने भुगता है। इसमें केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों की गलती है।

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जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सबका साथ, सबका विकास के नारे को आधार बनाकर काम किया है। हमने अति पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया और उनके लिए काम किया। यूपी के चुनाव में भी हम किसानों और पिछड़ों को साथ लेकर इसी लाइन पर उतरेंगे। मायावती को लेकर उन्होंने कहा कि वे दावेदार नहीं हैं। हम सपा-बसपा के साथ नहीं जाएंगे। त्यागी ने इमरजेंसी के दौर की अब से तुलना को लेकर कहा कि तब के हालात अब से ज्यादा बदतर थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि जेडीयू ने कोई मांग नहीं रखी है और ना ही पीएम ने हमसे अभी कुछ पूछा ही है। इसे लेकर आखिरी निर्णय नीतीश कुमार लेंगे।