मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की दिल्ली में मैराथन बैठक के बाद बड़ा अपडेट सामने आया है! सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो सचिन पायलट संगठन में जिम्मा संभालेंगे, इसको लेकर ब्लूप्रिंट तैयार है. राहुल गांधी ने पायलट को नई भूमिका के बारे में बता दिया है. ऐसे में पायलट और उनकी टीम अब कोई विरोधाभासी बयान नहीं देगी. गहलोत समर्थक भी ऐसा नहीं करेंगे ऐसा आलाकमान को भरोसा दिलाया.
वहीं सचिन पायलट को PCC चीफ या इलेक्शन कैंपने कमेटी का प्रमुख बनाया जा सकता है. साथ ही अब पायलट अपने अल्टीमेटम को मुद्दा नहीं बनाएंगे. करप्शन के खिलाफ उनकी मांगों पर सरकार एक्शन लेगी. ऐसे में सचिन पायलट चुनावी व्यूहरचना बनाने का कां करेंगे. सत्ता और संगठन के भावी बदलावों में उनकी भूमिका स्पष्ट कर दी गई है. राहुल गांधी औऱ खड़गे चाहते हैं कि इस बार राजस्थान में मिथक टूटे. कहा जा रहा है कि बातचीत में पर्दे के पीछे प्रियंका गांधी का अहम रोल है. साथ ही अंबिका सोनी और कमलनाथ की भी महती भूमिका है!
आपको बता दें कि बैठक के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया. खरगे के आवास 10 राजाजी मार्ग पर हुई करीब चार घंटे की बैठक में गहलोत और पायलट अलग-अलग समय पर पहुंचे. गहलोत शाम करीब छह बजे खरगे के आवास पर आए और उनके करीब दो घंटे बाद पायलट वहां पहुंचे.
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गहलोत और पायलट कांग्रेस के संगठन महासचिव के साथ मीडिया से मुखातिब हुए. लंबे समय बाद दोनों नेता एक साथ मीडिया के सामने नजर आए. बैठक के बाद वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत जी और सचिन पायलट जी के साथ मंत्रणा की. हमने फैसला किया है कि कांग्रेस एकजुट होकर यह चुनाव लड़ेगी. दोनों (गहलोत और पायलट) सहमत हैं कि कांग्रेस को एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरना चाहिए और राजस्थान में हम निश्चित तौर पर चुनाव जीतेंगे.