तीन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसान एक बार मोदी सरकार से रूबरू होकर अपनी मांगों को उठाएंगे। दरअसल, शुक्रवार को सरकार और किसानों के बीच नौवें दौर की बातचीत होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस बातचीत के दौरान इस मामले का पूरा निस्तारण हो जाएगा। सरकार और किसानों की यह बैठक भी दिल्ली के विज्ञान भवन में ही होगी। यह बैठक दोपहर 12 बजे से शुरू होगी।
नौवें दौर की बैठक से पहले किसान नेता ने दिया यह बयान
इस बैठक से भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए बताया कि शुक्रवार को 12 बजे किसान संगठनों के प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए जाएंगे जिसमें वह भी शामिल होंगे।
नौवें दौर की वार्ता का मुख्य विषय क्या होगा? इस सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों की सिर्फ दो मांगें बची हैं जो प्रमुख हैं और इनमें से पहली मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की है। इस मांग के पूरी होने पर ही किसान नेता दूसरी मांग पर चर्चा करेंगे।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर लिया तीखा बयान, कहा- सच्चाई बिल्कुल उलट
आपको बता दें कि अभी तक सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि, हर बार बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के ही ख़त्म हो गई। अभी तक की हुई बातचीत के दौरान सरकार बराबर कृषि कानूनों के संशोधन का राग अलापती नजर आई है, जबकि किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग लेकर अड़े हुए हैं। बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले के निस्तारण के लिए उठाए गए कदम के बावजूद सरकार इस बातचीत के लिए आगे आ रही है।
नौवें दौर की बातचीत से पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सकारात्मक चर्चा की उम्मीद जताई है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों संग अच्छी वार्ता हो सकती है।