कोरोना के चलते मोदी सरकार का बड़ा फैसला, लगाई रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक

केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। दरअसल, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में रेमडेसिविर को खासकर उन वयस्क मरीजों के लिए महत्वपूर्ण एंटी-वायरल दवा माना जाता है, जो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जटिलताओं का सामना कर रहे हैं।

भारत सरकार ने रविवार को अपने बयान में कहा, “जब तक देश में कोरोना वायरस के हालात में सुधार नहीं होता, उस वक्त तक के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रेडिएंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाता है।” एक अन्य बयान में सरकार ने कहा, “आने वाले समय में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ने की पूरी संभावना है और इसीलिए फार्मास्यूटिकल डिपार्टमेंट रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने के लिए  घरेलू निर्माता कंपनियों के साथ संपर्क में है।”

गौरतलब है कि भारत में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 1,52,879 नए मामले आने से संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1,33,58,805 हो गई, जबकि देश में वर्तमान में इस बीमारी का इलाज करा रहे लोगों की संख्या महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार 11 लाख के आंकड़े के पार चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार, महामारी से एक दिन में 839 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 1,69,275 हो गई है। 18 अक्टूबर 2020 के बाद से इस बीमारी से एक दिन में जान गंवाने वाले लोगों की यह सर्वाधिक संख्या है।

मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण के मामलों में लगातार 32वें दिन वृद्धि हुई है। देश में अब भी 11,08,087 लोग संक्रमित हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 8।29 प्रतिशत है जबकि स्वस्थ होने वाले लोगों की दर गिरकर 90।44 प्रतिशत रह गई है। देश में सबसे कम 1,35,926 उपचाराधीन मरीज 12 फरवरी को थे और सबसे अधिक 10,17,754 उपचाराधीन मरीज 18 सितंबर 2020 को थे, लेकिन अब उपचाराधीन मरीजों की संख्या इस आंकड़े से भी आगे निकल गई है। आंकड़ों के अनुसार इस बीमारी को अब तक 1,20,81,443 लोग शिकस्त दे चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1।27 प्रतिशत है।

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा पार कर गए थे। इसके बाद संक्रमण के मामले 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे। वैश्विक महामारी के मामले 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख और 19 दिसंबर को एक करोड़ का आंकड़ा पार कर गए थे।

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जिन 839 लोगों की इस संक्रामक बीमारी से मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 309, छत्तीसगढ़ में 123, पंजाब में 58, गुजरात में 49, उत्तर प्रदेश में 46, दिल्ली में 39, कर्नाटक में 36, मध्य प्रदेश में 24, तमिलनाडु में 23, राजस्थान में 18, केरल और झारखंड में 17-17, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 12-12 और हरियाणा में 11 लोगों की मौत हुई है। देश में कोरोना वायरस से अब तक 1,69,275 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 57,638 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 12,886 की तमिलनाडु, 12,849 की कर्नाटक, 11,235 की दिल्ली, 10,390 की पश्चिम बंगाल, 9,085 की उत्तर प्रदेश, 7,448 की पंजाब और 7,291 लोगों की मौत आंध्र प्रदेश में हुई है।