कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता ने अलापा बगावती सुर, शिवसेना ने दी ख़ास नसीहत

अपने सियासी वर्चस्व की तलाश में जुटी कांग्रेस को भीतरी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। पहले जहां बगावती तेवर दिखाते हुए दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद ने हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। वहीं, अब पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने भी नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दिया है। दरअसल, अपने बगावती तेवर दिखाते हुए सुशील कुमार शिंदे ने ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा हो गई हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा की संस्कृति लगातार खो रही है।

शिंदे ने कांग्रेस की कार्यशैली पर जताया दुख

दरअसल, बीते दिनों महाराष्ट्र के पुराने समय के कांग्रेस नेताओं को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें सुशील शिंदे भी मौजूद थे। इसी दौरान समारोह को संबोधित करते हुए सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि एक वक्त था जब कांग्रेस पार्टी में मेरे शब्दों का कुछ मूल्य होता था, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह अब है या नहीं, कांग्रेस अपनी विचारधारा की संस्कृति को भी खोती जा रही है।

कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि एक समय था जब कांग्रेस शिविर कार्यशालाएं आयोजित करती थी, इन शिविर में मंथन होता था कि पार्टी कहां जा रही है। लेकिन आज के वक्त में यह समझना मुश्किल है कि आखिर पार्टी कहां जा रही है। उन्होंने कहा कि अब चिंतन शिविर का आयोजन नहीं किया जाता है, मैं इसको लेकर काफी दुखी महसूस करता हूं। सुशील कुमार शिंदे को महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में गिना जाता रहा है। यूपीए सरकार के दौरान शिंदे के पास गृह मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी थी।

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कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे के पार्टी आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने पर सियासत भी शुरू हो गई है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सुशील शिंदे ने कुछ कहा है, तो पार्टी को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि वह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है।